नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा कि मेरा नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है. मुझे सबूत देने के लिए कहा गया था, मैंने सबूत दिए भी. इसके बावजूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. हम इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने उतरने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन खारिज कर दिया गया है. शुरू में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल करने वाले यादव को 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया था.
जनसत्ता के अनुसार, 30 अप्रैल को प्रेक्षक प्रवीण कुमार की मौजूदगी नामांकन पत्रों की जांच शुरू की गई थी. जांच में निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव ने पाया कि तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ से बर्खास्तगी के संबंध में अपने दोनों नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी दी है.
इस पर निर्वाचन अधिकारी ने यादव को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटों के अंदर बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर उपस्थित होने को कहा था. अनापत्ति प्रमाण पत्र में उन्हें यह लिखवाकर लाना था कि उन्हें वास्तव में बीएसएफ से किस वजह से बर्खास्त किया गया.
दरअसल, जांच में सामने आया था कि यादव ने अपने नामांकन पत्र में ‘भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन पद धारण करने के दौरान भ्रष्टाचार या अभक्ति के कारण पदच्युत किया गया’ के जवाब में हां कहा था. इसके विवरण में उन्होंने 19 अप्रैल, 2017 की तारीख डाली थी.
हालांकि, अपने दूसरे नामांकन पत्र में यादव ने लिखा था कि उन्हें 19 अप्रैल, 2017 को बर्खास्त किया गया था लेकिन इसका कारण भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन पद धारण करने के दौरान भ्रष्टाचार या अभक्ति नहीं था.
नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा, ‘मेरा नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है. मुझे मंगलवार शाम 6:15 बजे तक सबूत देने के लिए कहा गया था, मैंने सबूत दिए भी. इसके बावजूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.’
Samajwadi Party MP candidate from Varanasi, Tej Bahadur Yadav: My nomination has been rejected wrongly. I was asked to produce the evidence at 6.15pm yesterday, we produced the evidence, still my nomination was rejected. We will go to the Supreme Court. pic.twitter.com/MF05gNoLJq
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 1, 2019
बर्खास्तगी की सूचना आने से पहले जब तेज बहादुर यादव निर्वाचन अधिकारी से मिलकर आए थे तब उनका कहना था कि बीएसएफ की तरफ से चुनाव आयोग को पत्र दिया जा चुका है कि अनुशासन हीनता में उनको बर्खास्त किया गया था. इसमें किसी भी प्रकार से चुनाव लड़ने पर रोक नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया था कि पीएमओ के इशारे पर देर की जा रही है. वहीं तेजबहादुर ने बताया कि रात 12 बजे उनके वकील को जिला निर्वाचन कार्यालय से फोनकर बुलाया गया और बीएसएफ से पत्र मंगाने के लिए कहा गया.
तेज बहादुर यादव के वकील राजेश गुप्ता ने कहा, ‘हमसे जो सबूत मांगे गए थे वो हमने पेश किए. फिर भी नामांकन को अवैध घोषित कर दिया गया. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.’
Rajesh Gupta, Tej Bahadur Yadav's lawyer: We had submitted the evidence that was asked from us. Still, the nomination was declared invalid. We will go to the Supreme Court. pic.twitter.com/erLdG6N7up
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 1, 2019
तेज बहादुर यादव का नामांकन खारिज होने के बाद अब शालिनी यादव ही समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार होंगी.
बता दें कि तेज बहादुर ने बीएसएफ में मिल रहे खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कुछ वीडियो बनाए थे. सोशल मीडिया पर आने के बाद वे सभी वीडियो वायरल हुए और तेज बहादुर सुर्खियों में आ गए.
इस मामले पर काफी विवाद हुआ. बाद में पीएमओ ने इस मामले का संज्ञान लिया. वहीं, बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया था.
अपनी बर्खास्तगी को तेज बहादुर ने कोर्ट में चुनौती दी है जो अभी ट्रायल स्टेज में है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 19 मई (आखिरी चरण) को चुनाव होगा. कांग्रेस की ओर से वाराणसी सीट पर अजय राय को उम्मीदवार बनाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में वाराणसी से ही सांसद हैं. साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने तीन लाख वोटों के अंतर से दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराया था.
मोदी को पांच लाख 81 हज़ार वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस के अजय राय सिर्फ़ 75 हज़ार वोट ही पा सके थे. अजय राय इस सीट पर तीसरे स्थान पर आए थे.