करकरे और बाबरी मस्जिद पर बयान के लिए प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव अभियान पर 72 घंटे की रोक

मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव अभियान पर लगी चुनाव आयोग की रोक गुरुवार सुबह से लागू हो गई है. आयोग ने उनके बयानों की कड़ी निंदा करते हुए भविष्य में इसे न दोहराने की चेतावनी दी है.

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Surat: Sadhvi Pragya Singh Thakur during a roadshow at an event in Surat on Tuesday. PTI Photo(PTI4_24_2018_000059B)
प्रज्ञा सिंह ठाकुर. (फोटो पीटीआई)

मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव अभियान पर लगी चुनाव आयोग की रोक गुरुवार सुबह से लागू हो गई है. आयोग ने उनके बयानों की कड़ी निंदा करते हुए भविष्य में इसे न दोहराने की चेतावनी दी है.

Surat: Sadhvi Pragya Singh Thakur during a roadshow at an event in Surat on Tuesday. PTI Photo(PTI4_24_2018_000059B)
प्रज्ञा सिंह ठाकुर. (फोटो पीटीआई)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने एटीएस के पूर्व प्रमुख दिवंगत हेमंत करकरे और बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर बयानों के लिए 2008 मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव अभियान पर बुधवार को 72 घंटे की रोक लगा दी.

आयोग ने उनके बयानों की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें भविष्य में कदाचार को नहीं दोहराने की चेतावनी दी.

चुनाव आयोग ने कहा कि हालांकि प्रज्ञा ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी के खिलाफ अपने बयान के लिए माफी मांगी थी, लेकिन इस बयान को अनुचित पाया गया है. यह प्रतिबंध बृहस्पतिवार सुबह छह बजे से लागू हो गया है.

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प्रज्ञा ने कहा था आतंकवादी विरोधी दस्ते (एटीएस) प्रमुख करकरे ने मालेगांव विस्फोट मामले की जांच के दौरान उन्हें यातनाएं दी थीं और उनके शाप की वजह से ही करकरे की 26/11 आतंकवादी हमले में मौत हुई थी.

उन्होंने कहा था, ‘हेमंत करकरे को उन्होंने मुंबई बुलाया. मैं मुंबई जेल में थी उस समय. जांच जो बिठाई थी, तो सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वी जी को छोड़ दो. सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैर-कानूनी है. वह व्यक्ति कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर के आऊंगा. कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा, करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.’

इसके बाद कहा, ‘यह उसकी कुटिलता थी. यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था. तमाम सारे प्रश्न करता था. ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा मुझे क्या पता भगवान जाने. तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा. मैंने कहा बिल्कुल अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाइए. आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी. लेकिन मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा.’

इसके अलावा उन्होंने एक बयान दिया था कि 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में शामिल होने के लिये उन्हें अपने ऊपर गर्व है.

अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने से जुड़े एक सवाल पर समाचार चैनल आज तक को दिए एक बयान में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था, ‘अयोध्या में ढांचा गिराए जाने का अफसोस क्यों होगा. ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं. हमारे प्रभु राम जी के मंदिर में अपशिष्ट पदार्थ थे हमने उनको हटा दिया.’

उन्होंने कहा था, ‘हम गर्व करते हैं इस बात पर हमारे देश का स्वाभिमान जागा है. प्रभु राम का भव्य मंदिर भी बनाएंगे. 70 वर्षों में उन्होंने देश की क्या हालत की है, हमारे देवस्थान भी सुरक्षित नहीं हो पाए हैं. हिंदुओं ने ढांचा तोड़कर स्वाभिमान को जागृत किया है और भव्य मंदिर बनाकर हम उनकी आराधना करेंगे, आनंद पाएंगे.’

ठाकुर ने कहा था, ‘हां, मैं वहां गई थी (अयोध्या). मैंने कल भी कहा था और इस बात से अब भी पलट नहीं रही कि मैंने ढांचा (विवादित) गिराया था. मैं वहां जाऊंगी और राम मंदिर के निर्माण में मदद करूंगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)