पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर अपनी अक्षम्य विफलता को छिपाने के लिए मोदी सरकार सैन्य बलों के शौर्य के पीछे छिप रही है. यह अपमानजनक और अस्वीकार्य है.
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सत्ता में रहने के दौरान उनकी सरकार ने कई सर्जिकल स्ट्राइक किए थे लेकिन उनका इस्तेमाल वोट पाने के लिए नहीं किया.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस दौरान आर्थिक मोर्चे पर अक्षम्य विफलता के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकारी की आलोचना की. उन्होंने कहा कि अपनी इस विफलता को छिपाने के लिए मोदी सरकार सैन्य बलों के शौर्य के पीछे छिप रही है.
मोदी सरकार के इस व्यवहार को उन्होंने अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया.
#HTExclusive | In the past 70 years, a government in power never had to hide behind the valour of our armed forces. Such attempts to politicize our forces are shameful and unacceptable: Former PM Manmohan Singh tells @sunetrac
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— Hindustan Times (@htTweets) May 2, 2019
राज्यसभा के सदस्य 86 वर्षीय डॉ सिंह पर मौजूदा चुनावी अभियान के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2008 में मुंबई पर हुए लश्कर-ए-ताइबा 26/11 हमले के लिए हमला किया था जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी.
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए अपने साक्षात्कार में सिंह ने कहा कि 2008 के मुंबई हमले के बाद भारत सैन्य रुख अख्तियार कर सकता था लेकिन उनकी यूपीए सरकार ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने और कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान को आतंक का अड्डा साबित करने का फैसला किया था.
उन्होंने कहा, मुंबई हमले के 14 दिनों के भीतर हमने लश्कर-ए-ताइबा सरगना हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित करवाने के मामले में चीन को सहमत कर लिया था. यूपीए ने यह सुनिश्चित किया था कि अमेरिका मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता और लश्कर-ए-ताइबा सरगना के सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित करे.
रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान टाइम्स ने सेना के कई पूर्व एवं मौजूदा अधिकारियों से बात की जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि 2014 से पहले सीमा पार कई कार्रवाईयां की गई थीं.
एक सैन्य अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, हालांकि, पिछली सरकार ने उन लक्षित अभियानों के बारे में बात नहीं की थी. इस सरकार ने स्ट्राइक की जिम्मेदारी ली और दुनिया को बताया कि भारत अपनी सीमा के बाहर कार्रवाइयां कर सकता है.
मनमोहन सिंह ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि जब उनकी सरकार ने राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र द्वारा तटीय सुरक्षा प्रणाली का सुझाव दिया था तब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस विचार का विरोध किया था.
सिंह ने किसी तुलना से इनकार करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री दृढ़ और निर्णायक नेता थे. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की तंगदिली से उनकी महानता की तुलना नहीं की जा सकती है.
उन्होंने कहा, न तो इंदिरा गांधी और न ही उनके बाद के प्रधानमंत्रियों ने 1971 और 1965 के पाकिस्तान से युद्ध का श्रेय सेना से छीना था.
हालांकि भाजपा प्रवक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.