तूफान ‘फोनी’ ने ओडिशा में दस्तक दी, 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया

चक्रवाती तूफान 'फोनी' के मद्देनजर तटीय जिलों में रेल, सड़क और हवाई यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.

चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ के मद्देनजर तटीय जिलों में रेल, सड़क और हवाई यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.

Cyclone-Fani-ANI
(फोटो साभारः एएनआई)

भुवनेश्वरः चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ शुक्रवार सुबह पुरी तट पर पहुंचा जिससे कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं.

समुद्र के किनारे बसे शहर पुरी के कई इलाके और अन्य जगहों में पानी भर गया है. राज्य के सभी तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही है.

कई पेड़ उखड़ गए हैं और भुवनेश्वर समेत कुछ स्थानों पर बनीं झोपड़ियां तबाह हो गई हैं.

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच. आर. बिस्वास ने कहा,’चक्रवात सुबह करीब आठ बजे पुरी तट पर पहुंचा और चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी होने में करीब तीन घंटे का समय लगेगा.’

बिस्वास ने बताया कि चक्रवात का केंद्र करीब 28 किलोमीटर दूर है और वह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.

पुरी और आसपास के इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है जो 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पर पहुंच सकता है.

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी. पी. सेठी ने बताया कि चक्रवात के कारण गंजाम, पुरी, खोरधा और गजपति जैसे कई तटीय जिलों में तेज हवा चल रही है.

उन्होंने बताया कि कम से कम 11 तटीय जिलों के निचले और संवेदनशील इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है. इन लोगों को 4,000 शिविरों में ठहराया गया है जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिए बनाए गए 880 केंद्र शामिल हैं.

सेठी ने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

उन्होंने बताया कि राजधानी भुवनेश्वर में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है.

मौसम विभाग के मुताबिक, यह बंगाल से होता हुआ बांग्लादेश की तरफ बढ़ेगा ऐसे में पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में भी चेतावनी जारी कर दी गई है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, तटरक्षक बल ने कहा है कि चक्रवाती तूफान फोनी को देखते हुए 34 राहत दलों और चार तटरक्षक पोतों को राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है. नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा कि नौसेना के पोत सहयाद्री, रणवीर और कदमत को राहत सामग्री और चिकित्सा दलों के साथ तैनात किया गया है.

एनडीआरएफ की 28, ओडिशा डिजास्टर मैनेजमेंट रैपिड एक्शन फोर्स की 20 यूनिट और फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के 525 लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हैं.

तटीय जिलों में रेल, सड़क और हवाई यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. गुरुवार मध्यरात्रि से बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें 24 घंटे के लिए रोक दी गई हैं. कोलकाता एयरपोर्ट भी शुक्रवार रात से शनिवार शाम तक बंद रहेगा.

ज्वाइंट टाइफून वॉर्निंग सेंटर (जेडब्ल्यूटीसी) के मुताबिक, फोनी तूफान बीते 20 सालों में अब तक का सबसे खतरनाक चक्रवात साबित हो सकता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)