पहले भी हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक, चुनाव में सेना का इस्तेमाल सही नहीं: लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा

साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि अब इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहें या सीमापार कार्रवाई लेकिन सेना ने पहले भी ऐसा किया है.

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लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा. (फोटो: पीटीआई)

साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि अब इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहें या सीमापार कार्रवाई लेकिन सेना ने पहले भी ऐसा किया है.

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा. (फोटो: पीटीआई)
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा. (फोटो: पीटीआई)

जयपुर: लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा का कहना है कि भारतीय सेना मोदी सरकार के आने से पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई करती रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का चुनावी अभियान में इस्तेमाल किया जाना अच्छा संकेत नहीं है.

जनरल हुड्डा 29 सितंबर 2016 को नियंत्रण रेखा के पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक के वक़्त उत्तरी सैन्य कमान के कमांडर थे. उरी में आतंकवादी हमले के जवाब में यह हमला किया गया.

राजस्थान में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे हुड्डा से जब कांग्रेस के इस दावे के बारे में पूछा गया कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में भी छह सर्जिकल स्ट्राइक हुईं थी तो उन्होंने कहा, ‘सेना ने ऐसा पहले भी किया है. लेकिन मुझे इसकी तारीख और ये किन इलाकों में हुईं इसके बारे में ठीक-ठीक पता नहीं है.’

लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा, ‘अब इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहें या सीमापार कार्रवाई लेकिन सेना ने पहले भी ऐसा किया है.’

उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी प्रचार में सेना को लाना अच्छी बात नहीं है. चुनाव आयोग ने भी यह बात कही है. आखिरकार, इन कारणों से लंबे समय में संस्था को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.’

हुड्डा ने बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस बारे में भारतीय वायुसेना, वायुसेना अध्यक्ष द्वारा दिए गए आधिकारिक बयान पर शक करने की कोई वजह है. उन्होंने कहा था कि हमने तय लक्ष्यों पर हमला किया. मुझे नहीं लगता कि वायुसेना अध्यक्ष ने इन हमलों में जानमाल के नुकसान के बारे में कोई बात कही थी.’

उन्होंने हमारे संचार क्षेत्र में चीनी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर कहा,’ यह बहुत ही गंभीर बात है. हमारे दूरसंचार क्षेत्र के ज्यादातार हार्डवेयर चीनी हैं. हम इन कंपनियों के चीन की सरकार से संबंधों के बारे में जानते हैं. मुझे लगता है कि यह यह बहुत ही गंभीर मसला है और हमें कम से कम हमारे अति महत्व वाले क्षेत्रों में भारत निर्मित हार्डवेयर पर विचार करना चाहिए.’

कार्यक्रम में हुड्डा ने कहा कि भारतीय सेना का इस्तेमाल चुनावी अभियानों में करना ठीक नहीं है और यह बात हमारा निर्वाचन आयोग भी कह चुका है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)