उत्तरी सिक्किम में भारी बर्फबारी के कारण भुखमरी से 300 से अधिक याकों की मौत

भारी बर्फबारी के कारण सड़क बंद कर दी गई थी, जिसकी वजह से याकों को उत्तरी सिक्किम के ऊपरी इलाकों में भोजन के बिना रहने के लिए मजबूर होना पड़ा.

भारी बर्फबारी के कारण सड़क बंद कर दी गई थी, जिसकी वजह से याकों को उत्तरी सिक्किम के ऊपरी इलाकों में भोजन के बिना रहने के लिए मजबूर होना पड़ा.

Sikkim-yaks-1200x600 Credit: Kandukuru Nagarjun/Flickr CC BY 2.0
सिक्किम में गुरुडोंगमार झील के पास याक. (फोटो साभार: Kandukuru Nagarjun/Flickr CC BY 2.0)

गंगटोक: उत्तरी सिक्किम के ऊपरी इलाकों में भुखमरी के कारण 300 से अधिक पालतू याकों की मौत हो गई. लाचेन क्षेत्र में चरवाहों और किसानों के लगभग 25 परिवारों से संबंधित ये याक भारत-चीन सीमा के करीब स्थित उत्तर सिक्किम के मुकुथांग और युमथांग घाटियों में पिछले साल दिसंबर में चरने के लिए गए थे.

हालांकि, भारी बर्फबारी के कारण सड़क बंद कर दी गई थी, जिसकी वजह से उन्हें भोजन के बिना उन क्षेत्रों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. याक मालिकों ने नीचे के क्षेत्र में पहुंचने से पहले स्थानीय प्रशासन को इस मुद्दे की सूचना दी थी, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण 15,000 फुट से ऊपर में स्थित क्षेत्रों को साफ नहीं किया जा सका.

हालांकि हेलीकॉप्टर से उनके लिए भोजन छोड़ने का प्रयास किया गया था, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका.

इस सप्ताह की शुरुआत में, सड़क के फिर से खोले जाने के बाद राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ उप-विभागीय मजिस्ट्रेट भोजन लेकर याकों की तलाश में गए थे, लेकिन उन्हें वहां 300 से अधिक याकों का शव मिला.

स्थानीय समाचार रिपोर्टों के अनुसार, उनमें से 250 मुकुथांग में मृत पाए गए थे और करीब 50 शवों को युमथांग से बरामद किया गया.

जिला मजिस्ट्रेट राज यादव ने पत्रकारों को बताया कि जिंदा पाए गए याक को बचाने के लिए क्षेत्र में तैनात आईटीबीपी के जवानों की एक टीम की मदद से प्रयास किए जा रहे थे.

उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन ने मालिकों को प्रत्येक याक के लिए 30,000 रुपये के मुआवजे को मंजूरी दी है, क्योंकि वे उन्हीं पर निर्भर थे. हालांकि, किसी भी मालिक को तीन याक से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जाएगा.

यादव ने कहा कि जिला प्रशासन मौत की वास्तविक संख्या का पता लगा रहा है और संभवतः 13 मई तक एक रिपोर्ट सौंपेगा, जिसके बाद मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा. हर साल सर्दियों में, चारे की कमी के कारण करीब एक दर्जन याक मर जाते हैं, लेकिन इस साल मरने वाले याकों की संख्या बहुत ज्यादा है.