गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बताया कि ग़ैर-क़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत लिट्टे पर यह प्रतिबंध बढ़ाया गया है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के खिलाफ प्रतिबंध पांच और साल के लिए तत्काल प्रभाव से बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी.
मंत्रालय ने बताया कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत यह प्रतिबंध बढ़ाया गया है.
अधिसूचना में कहा गया है कि लिट्टे की ओर से जारी हिंसा एवं विध्वंसकारी गतिविधियां भारत की एकता एवं अखंडता के लिए हानिकारक हैं.
इसमें कहा गया है कि संगठन भारत विरोधी रुख अपनाए हुए है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है.
लिट्टे या तमिल टाइगर्स का गठन 1976 में वी. प्रभाकरण ने किया था. इसका गठन श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना के मकसद के लिए किया गया था.
श्रीलंका की सेना ने साल 2009 में तमिल अलगाववादी संगठन लिट्टे को हराने के बाद 25 साल लंबे गृह युद्ध के खत्म होने की घोषणा की थी. इसी साल युद्ध के दौरान 19 मई को श्रीलंका की सेना ने प्रभाकरण ने मार गिराया था.
प्रभाकरण ने 1991 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करने का आदेश दिया था.
मालूम हो कि भारत ने गैर-कानूनी गतिविधियां संबंधी अधिनियम के तहत लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पर 14 मई 1992 को प्रतिबंध लगा दिया था. यूरोपीय संघ, कनाडा और अमेरिका में भी इस संगठन पर प्रतिबंध था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)