पाक अधिकृत कश्मीर के संस्थानों में प्रवेश न लें छात्र: यूजीसी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर संघीय भारत का अभिन्न हिस्सा है लेकिन वहां स्थित विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान और अन्य शैक्षणिक संस्थान न तो भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए हैं और न ही यूजीसी जैसी संस्थाओं द्वारा प्रमाणित हैं.

(फोटो: पीटीआई)

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर संघीय भारत का अभिन्न हिस्सा है लेकिन वहां स्थित विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान और अन्य शैक्षणिक संस्थान न तो भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए हैं और न ही यूजीसी जैसी संस्थाओं द्वारा प्रमाणित हैं.

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नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को चेतावनी दी है. यूजीसी ने कहा कि पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा और पाकिस्तान के गैरकानूनी कब्जे में है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ‘सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन द्वारा 8 मई को जारी यूजीसी नोटिफिकेशन में कहा गया, पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर संघीय भारत का अभिन्न हिस्सा है. वहीं पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर में स्थित विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान और अन्य शैक्षणिक संस्थान न तो भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए हैं और न ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षण संस्थान (एआईसीटीई), मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) व अन्य से प्रमाणित हैं.’

नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘इसलिए, छात्रों को तथाकथित एजेके और गिलगित बाल्टिस्तान सहित पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले किसी भी क्षेत्र में किसी भी कॉलेज/विश्वविद्यालय/तकनीकी संस्थान में प्रवेश लेने के प्रति चेतावनी दी जाती है, जो वर्तमान में भारत में मान्यता प्राप्त नहीं हैं.’

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारुक ने यूजीसी के दिशानिर्देशों को शिक्षा का राजनीतिकरण बताया. उन्होंने कहा कि यह दुनिया में कहीं भी शिक्षा हासिल करने के छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

उन्होंने कहा, ‘यह शिक्षा का दुर्भाग्यपूर्ण राजनीतिकरण है, जो विश्व में कहीं भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है. इसने (यूजीसी नोटिफिकेशन) वहां पढ़ने वालों के करियर को संकट और अनिश्चितता में डाल दिया है.’

बता दें कि जहां हर साल कश्मीर घाटी के छात्र बड़ी संख्या में पाकिस्तानी कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं (खासकर मेडिकल कोर्स में), वहीं बहुत ही कम छात्र उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का चुनाव करते हैं. दरअसल कश्मीर के छात्रों के लिए पाकिस्तानी कॉलेजों में विशेष कोटा निर्धारित है.

सरकार और यूजीसी से अनुचित आदेश को वापस लेने का अनुरोध करते हुए, मीरवाइज ने सरकार से कहा कि वह कश्मीरी छात्रों के कैरियर के साथ राजनीति न करे. उन्होंने कहा, ‘वे दुनिया के किसी भी छात्र की तरह हैं जिन्हें कहीं भी पढ़ाई करने का अधिकार है.’

मीरवाइज ने कहा, ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, जो कि पूरे जम्मू कश्मीर का हिस्सा है, के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के प्रवेश लेने पर पाबंदी लगाने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह राज्य का विषय है.’

उन्होंने कहा, ‘नियंत्रण रेखा के पार से व्यापार पर रोक लगाने के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था और व्यापारी प्रभावित हुए थे और अब इस कदम से राज्य के छात्र प्रभावित होंगे.’