कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है, इसकी नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए. पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर रोक लगाने के क़दम की अरविंद केजरीवाल, मायावती, सीताराम येचुरी और सचिन पायलट जैसे नेताओं ने निंदा की है.
नई दिल्ली/कोलकाता: कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद चुनाव प्रचार की अवधि में कटौती के चुनाव आयोग के कदम को लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा’ करार देते हुए बुधवार को दावा किया कि आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है तथा इस संवैधानिक संस्था के लिए नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता एवं निर्भीकता पर कब्जा कर लिया है?
सुरजेवाला ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘हमें दुख के साथ कहना पड़ा रहा है कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है. वह अपनी योग्यता, क्षमता, निर्भीकता और निष्पक्षता के लिए जाना जाता रहा है. आज जब प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लोकतंत्र पर हमला बोला जा रहा है तो चुनाव आयोग डरा, थका और असहाय नजर आ रहा है. वह प्रजातंत्र का चीरहरण होते हुए देख रहा है.’
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की अवधि में कटौती के फैसले को लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा’ करार देते हुए उन्होंने दावा किया, ‘ऐसा लगता है कि चुनाव आचार संहिता अब मोदी जी प्रचार संहिता बन गई है. चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है.’
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या कारण है कि गुंडों को सजा देने की बजाय चुनाव आयोग मूकदर्शक और असहाय बना हुआ है? क्या मोदी और शाह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता या निर्भीकता पर कब्जा कर लिया है?’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को उपहार भेंट कर रहा है. उसने यह सुनिश्चित किया कि प्रधानमंत्री की दो सभाएं प्रभावित नहीं हों.’
सुरजेवाला ने दावा भी किया पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया को धूमिल किया गया है तथा आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया. यह संविधान के साथ किया गया अक्षम्य विश्वासघात है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ चुनाव आयोग में 11 शिकायतें की गई हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. भाजपा के द्वारा हिंसा की गई और अमित शाह द्वारा धमकाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव आयोग के लिए पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए.
इससे पहले बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘अगर बंगाल में स्थिति इतनी ही खराब है तो चुनाव प्रचार रोक दिया जाना चाहिए. चुनाव आयोग कल (गुरुवार) तक का इंतजार क्यों कर रहा है? क्या इसलिए ऐसा किया जा रहा है कि कल प्रधानमंत्री की रैलियां होनी हैं?’
उन्होंने पूछा, ‘क्या यह अप्रत्याशित नहीं है कि चुनाव आयोग यह दावा कर रहा है कि पश्चिम बंगाल में यह अप्रत्याशित परिस्थिति है, लेकिन वह फिर भी प्रधानमंत्री की चुनावी सभाएं संपन्न होने की प्रतीक्षा कर रहा है?’
If situation in Bengal is so severe that campaigning must be stopped, why is EC waiting until tomorrow? Is it because PM has scheduled rallies tomorrow?
— Ahmed Patel Memorial (@ahmedpatel) May 15, 2019
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी की 16 मई को पश्चिम बंगाल के दमदम और लक्ष्मीकांतपुर लोकसभा क्षेत्र में दो रैली प्रस्तावित हैं.
गौरतलब है कि कोलकाता में अमित शाह के रोडशो के दौरान हुई हिंसा के कारण चुनाव आयोग ने बुधवार को फैसला किया कि बृहस्पतिवार रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा. पहले चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम 5 बजे खत्म किया जाना था.
पश्चिम बंगाल के जिन चुनाव क्षेत्रों में चुनाव प्रचार पर रोक लगाई गई है, उनमें दम दम, बारासात, बसीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर शामिल हैं.
मालूम हो कि अमित शाह की रैली के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के बीच बीते 14 मई को हुई झड़प के दौरान समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नाम पर स्थापित एक कॉलेज में उनकी प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था.
हिंसा और विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने के लिए भाजपा और तृणमूल कांग्रेस एक दूसरे को ज़िम्मेदार ठहरा रही हैं.
विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना राजनीति से प्रेरित: सचिन पायलट
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने की बुधवार को निंदा की और कहा कि यह चुनाव से पूर्व राजनीति से प्रेरित कदम है.
पायलट ने बुधवार को कोलकाता में एक रैली के दौरान कहा, ‘ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ना राजनीति से प्रेरित कदम है. हम ऐसी घटना की निंदा करते हैं.’
उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला संप्रग अगली सरकार बनाएगा.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मोदी सरकार जा रही है. वे हार जाएंगे क्योंकि लोग उनके कुशासन से आजिज आ चुके हैं. उन्होंने 2014 के चुनावों के दौरान किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया. वे इस चुनाव में हार जाएंगे.’
प्रचार अभियान पर रोक लगाने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे : येचुरी
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में जारी चुनावी हिंसा के मद्देनजर निर्धारित समय से एक दिन पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने के चुनाव आयोग के फैसले को समझ से परे बताते हुए आयोग से पूछा है कि प्रचार पर रोक लगाने का समय राज्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों के बाद क्यों निर्धारित किया गया है.
येचुरी ने बुधवार को आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आयोग ने कोई कार्रवाई करने के बजाय प्रचार पर रोक लगा दी. आयोग का यह फैसला समझ से परे है.
We have made several complaints and written so many letters about violations and breakdown of law and order with impunity in Bengal, on which there has been no response. https://t.co/e6IrfQxpBL
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 15, 2019
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक दिन पहले प्रचार अभियान को रोकने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे है. आयोग से अव्वल तो यह अपेक्षित था कि भाजपा और टीएमसी के अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाती. इनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?’
उन्होंने कहा, ‘हमने पश्चिम बंगाल में हिंसा और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में आयोग से कई बार शिकायत की, लेकिन आयोग से इस पर कोई प्रति उत्तर नहीं मिला.’
येचुरी ने प्रचार अभियान पर रोक लगाने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘अगर प्रचार को 72 घंटे पहले ही प्रतिबंधित करना था तो प्रतिबंध का समय बृहस्पतिवार सुबह दस बजे तय क्यों नहीं किया गया? क्या यह प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों को आयोजित करने की छूट देने के लिये किया गया है?’
बंगाल के लोग हिंसा और अराजकता फैलाने वालों को देंगे मुंहतोड़ जवाब: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह कहते हुए पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी के समर्थन में सामने आ गए हैं कि राज्य के लोग हिंसा और अराजकता फैलाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे.
Time to wake up, India. This very cult n ideology killed Mahatma and is now behind desecration of the bust of one of the greatest reformers Shri Ishwar Chandra Vidyasagar ji. People of Bengal will give befitting reply to Modi-Shah led perpetrators of violence and hooliganism
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 15, 2019
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘जागृत हो जाने का समय है, भारत. इसी विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या की और वही अब महानतम समाज सुधारकों में से एक श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति को भंग करने के पीछे है. बंगाल के लोग मोदी और शाह की अगुवाई में हिंसा और अराजकता फैलाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे.’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को निशाना बनाना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता: मायावती
लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उनके नेताओं की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाया जाना बहुत ही खतरनाक और अन्यायपूर्ण प्रवृत्ति है तथा यह देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता.
मायावती ने कहा, ‘बंगाल में आए दिन कोई न कोई खबर जरूर सुर्खियों में रहती है जिसके लिए भाजपा और आरएसएस के लोग जिम्मेदार हैं. बंगाल में हिंसा को देखें तो साफ पता चलता है कि मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में उनकी पार्टी और सरकार ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत ममता बनर्जी की सरकार को निशाना बनाया है ताकि लोगों का ध्यान मोदी सरकार की कमियों और विफलताओं से हटाया जा सके.’
उन्होंने कहा, ‘गुरु और चेले जिस तरह हाथ धोकर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के पीछे पड़े हैं वह एक खतरनाक प्रवृत्ति है जो उचित व न्यायसंगत नहीं है. जिस प्रकार ममता बनर्जी और उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है वह देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता.’
मायावती ने कहा, ‘भाजपा और मोदी की कोशिश है कि बंगाल के मुद्दे को इतना ज्यादा गर्माया जाए कि इनकी विफलताओं से लोगों का ध्यान हट जाए, लेकिन जनता इस साजिश को समझती है. उत्तर प्रदेश की तरह ही बंगाल की जनता भी भाजपा को करारा जवाब देगी.’
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि केंद्र सरकार के दबाव में मुख्य चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी और वह भी आज प्रधानमंत्री की दो रैलियां वहां खत्म होने के बाद रात दस बजे से. इसकी हमारी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है.’
उन्होंने कहा कि अगर प्रचार पर रोक लगानी ही थी तो आज सुबह से लगानी चाहिए थी. इससे स्पष्ट होता है कि वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त के रहते हुए इस बार का लोकसभा चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं है. इससे हमारे लोकतंत्र को भारी नुकसान पहुंच रहा है और यह अति निंदनीय तथा शर्मनाक भी है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यहां उत्तर प्रदेश में भी भाजपा और आरएसएस ने बंगाल जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की थी, लेकिन हमारे गठबंधन ने इनके षड्यंत्र को नाकाम कर दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)