समीर ख़ान नाम के एक व्यक्ति ने गृह मंत्रालय से गोहत्या के शक में मारे गए और घायल हुए लोगों के नाम और सरकारों द्वारा उनके परिवारों को दिये गए मुआवज़े का राज्यवार आंकड़ा मांगा था.
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत उस आवेदक को जवाब दे जो यह जानना चाहता है कि 2010 से 2017 के बीच गोहत्या के संदेह में कितने लोगों की हत्या हुई.
समीर खान नाम के एक व्यक्ति ने आरटीआई आवेदन में मंत्रालय से गोहत्या के शक में मारे गए और घायल हुए लोगों के नाम और सरकारों द्वारा उनके परिवारों को दिये गए मुआवजे का राज्यवार आंकड़ा मांगा था.
मंत्रालय ने आवेदन पर जवाब नहीं दिया जिसके बाद खान ने आयोग से गुहार लगाई जो आरटीआई से जुड़े मामलों में सर्वोच्च अपीलीय प्राधिकार है. खान ने आयोग से अनुरोध किया कि वह मंत्रालय को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दे.
मुख्य सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव ने कहा कि आवेदक द्वारा उपलब्ध कराए गए तथ्यों से यह स्पष्ट है कि उसे कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई.
उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम के तहत तय समयावधि में आवेदन का जवाब देना अनिवार्य है. आयोग ने गृह मंत्रालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी को निर्देश दिया कि वे आरटीआई कानून के प्रावधानों के तहत चार हफ्ते के भीतर सूचना उपलब्ध कराएं.
भार्गव ने कहा, यदि आवेदक को कोई जानकारी प्रदान की गई है, तो आयोग को उस जवाब की एक प्रति के साथ आवेदक को दिए गए जवाब की एक प्रति प्रदान की जानी चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)