सुप्रीम कोर्ट नेे झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को किया रद्द, लालू को करना होगा घोटाले से जुड़े चारों मामलों में सुनवाई का सामना.
सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े सभी चारों मामलों में सुनवाई का सामना करने के आदेश दिए हैं.
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने निचली अदालत को 68 वर्षीय यादव तथा अन्य के ख़िलाफ़ नौ माह के भीतर कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं.
पीठ ने कहा, हमारा मानना है कि प्रत्येक अपराध के लिए पृथक सुनवाई होनी चाहिए. चारा घोटाला तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में पशुपालन विभाग द्वारा विभिन्न जिलों से फर्ज़ी तरीके से 900 करोड़ रुपये की निकासी से जुड़ा है.
#FodderScam : No relief for #LaluPrasadYadav as SC orders trial for criminal conspiracy
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— ANI Digital (@ani_digital) May 8, 2017
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और राज्य के पूर्व सचिव संजाल चक्रवर्ती भी इस मामले में आरोपी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए, जिसमें यादव को एक मामले में दोषी ठहराते हुए शेष मामलों में उनके ख़िलाफ़ सुनवाई पर रोक लगा दी थी, कहा कि हाई कोर्ट को अपने निष्कर्षों में दृढ़ रहना चाहिए और एक ही मामले में आरोपियों के अगल-अलग गुटों के लिए अलग आदेश नहीं सुनाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील में देरी के लिए सीबीआई की खिंचाई करते हुए कहा कि जांच एजेंसी के निदेशक को इस अहम मामले को देखना चाहिए था और मामले की तह तक जाने के लिए किसी अधिकारी को लगाना चाहिए था.
सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के 2014 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें न्यायालय ने लालू के खिलाफ लंबित चार चारा घोटाला मामलों को इस आधार रद्द कर दिया था कि एक मामले में दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति के खिलाफ ऐसे मिलते जुलते मामलों में उन्हीं गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर सुनवाई नहीं की जा सकती.
हाईकोर्ट ने निचली अदालत में अन्य आरोप को छोड़ कर दो धाराओं के तहत यादव के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की मांग वाली सीबीआई की याचिका को 14 नवंबर 2014 को बरकरार रखा था.
(एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)