सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिले हैं.

नई दिल्लीः आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को क्लीनचिट दे दी है. सीबीआई ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने हलफनामे में कहा कि मुलायम सिंह और अखिलेश के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए कोई सबूत नहीं मिले.
मालूम हो कि सीबीआई ने अप्रैल में मुलायम सिंह यादव, अखिलेश और प्रतीक यादव के ख़िलाफ़ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर बताया था कि उनके ख़िलाफ़ जांच 2013 में बंद कर चुका है.
The CBI, in the affidavit, gives clean chit to Mulayam Singh Yadav and Akhilesh Yadav in the disproportionate assets case registered against them. CBI further said, it did not find any evidence to register a Regular Case (RC) against the father and son. https://t.co/UutZxpuSoi
— ANI (@ANI) May 21, 2019
सीबीआई ने कहा था कि ये प्रारंभिक जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा था. सीबीआई ने कहा कि इसको लेकर हम जवाब दाखिल करेंगे और कोर्ट को बताएंगे कि आगे हम क्या करेंगे.
वहीं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में मुलायम सिंह यादव ने दावा किया था कि सीबीआई की प्राथमिक जांच उन्हें क्लीन चिट दे चुकी है जबकि जिस रिपोर्ट का मुलायम ने हवाला दिया है, सीबीआई उसे पहले ही फर्जी बताकर 2009 में एफआईआर दर्ज करा चुकी है.
सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा था कि उनके ख़िलाफ़ दायर याचिका राजनीति से प्रेरित है.
मुलायम सिंह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव होने हैं इसलिए जानबूझकर उनके ख़िलाफ़ ये अर्जी दाखिल की गई है. उन्होंने यह भी कहा था कि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कई बातें छिपाई है.
उन्होंने कहा था कि आयकर विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्ति की जांच की थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. ऐसे में उनके और उनके परिवार के ख़िलाफ़ दायर याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.