पटना साहिब सीट: भाजपा के रविशंकर प्रसाद 2.72 लाख वोटों से आगे, शत्रुघ्न सिन्हा पिछड़े

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: बिहार की राजधानी की पटना साहिब सीट पर कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा और भाजपा के रविशंकर प्रसाद के बीच सीधा मुक़ाबला है. लंबे समय तक भाजपा में रहे सिन्हा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल में हुए थे.

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लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: बिहार की राजधानी की पटना साहिब सीट पर कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा और भाजपा के रविशंकर प्रसाद के बीच सीधा मुक़ाबला है. लंबे समय तक भाजपा में रहे सिन्हा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल में हुए थे.

Ravi Shankar Prasad Shatrughan Sinha PTI Twitter
रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा (फोटो: पीटीआई/ट्विटर)

नई दिल्लीः बिहार की राजधानी में पटना साहिब लोकसभा सीट पर दिग्गजों के बीच टक्कर में भाजपा के रविशंकर प्रसाद आगे कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा से आगे चल रहे हैं.

रुझानों में प्रसाद 5,50,458 वोटों से आगे चल रहे हैं. रुझानों में सिन्हा को 2,93,459 मत मिले हैं. सिन्हा लगातार तीसरी बार यह सीट बचाने के लिए चुनाव मैदान में हैं.

इस सीट से कुल मिलाकर 18 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में पूरा शहर और बाहरी क्षेत्र के कुछ हिस्से आते हैं.

इसे मुख्य तौर पर अभिनेता से नेता बने सिन्हा और प्रसाद के बीच सीधे मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है. सिन्हा चुनाव से पहले ही भाजपा छोड़ कांग्रेस में आये थे.

पटना साहिब संसदीय क्षेत्र का नाम सदियों पुराने सिख गुरुद्वारे पर रखा गया है जो गंगा किनारे स्थित है और जहां गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था और वहां उनका बचपन बीता था. पटना साहिब सीट 2008 के सीमांकन में अस्तित्व में आयी और सिन्हा ने यहां से 2009 में जीत दर्ज की और पांच वर्ष बाद भी इसे बरकरार रखा.

‘बिहारी बाबू’ के नाम से लोकप्रिय सिन्हा ने पटना साहिब से तीसरी बार जीत दर्ज करने का पूरा भरोसा जताया था. उन्होंने कहा था, ‘मैंने पूर्व के दो चुनावों में इस सीट से बिहार में सबसे अधिक अंतर से जीत दर्ज की है. ऐसा लोगों का मेरे लिए प्यार के चलते हुआ. मैं आदतन पार्टी बदलने वाला नहीं हूं. जिन परिस्थितियों में मुझे भाजपा छोड़नी पड़ी वह सबको पता है.’

सिन्हा 1990 दशक के शुरुआती वर्षों से भाजपा से जुड़े थे, भाजपा नेतृत्व के साथ उनके मतभेद नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने और उनके करीबी अमित शाह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद शुरू हुए. सिन्हा ने भाजपा में रहते हुए कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा था.

वहीं भाजपा ने सिन्हा की संभावनाओं को खारिज किया था. पार्टी का कहना था कि सिन्हा का पूर्व के चुनावों में प्रदर्शन पार्टी से उनके जुड़ाव के चलते था.

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘पटना साहिब के तहत जो छह विधानसभा सीटें हैं, उनमें से पांच भाजपा के पास हैं. ऐसा इसके बावजूद हुआ था कि विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के हाथ मिला लेने के चलते हमारी पार्टी ने काफी कड़े मुकाबले का सामना किया था.’

सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘‘नीतीश अब हमारे साथ वापस आ गए हैं और रामविलास पासवान भी, जो 2009 में हमारे साथ नहीं थे. इसलिए हमारी संभावनाएं पहले से अधिक मजबूत हैं. इसके अलावा हमारे साथ नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और यह तथ्य भी है कि कांग्रेस का अब बिहार में प्रभाव नहीं है. शत्रुघ्न सिन्हा को स्वयं को भाग्यशाली समझना चाहिए यदि एक पोलिंग एजेंट भी मिल जाए.’’

इस बीच कांग्रेस सिन्हा के लिए काफी जोश के साथ प्रचार कर रही है. इसमें उसकी सहयोगी राजद भी सहयोग कर रही है. आप, भाकपा और माकपा ने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया है, हालांकि इसका कोई अधिक प्रभाव होने की उम्मीद नहीं है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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