जम्मू कश्मीर: अनंतनाग सीट से महबूबा मुफ़्ती की हार, फ़ारूक़ अब्दुल्ला जीते

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: श्रीनगर लोकसभा सीट से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने 70,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की है.

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**FILE PHOTO** Jammu: In this file photo dated March 4, 2017, Jammu and Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti looks on during the Red Cross Mela at Gulshan Ground in Jammu. BJP on Tuesday, June 19, 2018, has pulled out of the alliance government with Mehbooba Mufti-led People's Democratic Party in Jammu & Kashmir. (PTI Photo) (PTI6_19_2018_000085B)
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फोटो: पीटीआई)

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: श्रीनगर लोकसभा सीट से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने 70,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की है.

**FILE PHOTO** Jammu: In this file photo dated March 4, 2017, Jammu and Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti looks on during the Red Cross Mela at Gulshan Ground in Jammu. BJP on Tuesday, June 19, 2018, has pulled out of the alliance government with Mehbooba Mufti-led People's Democratic Party in Jammu & Kashmir. (PTI Photo) (PTI6_19_2018_000085B)
महबूबा मुफ्ती. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को लोकसभा चुनाव में क़रारी हार का सामना करना पड़ा. राज्य की कुल छह लोकसभा सीटों में से तीन-तीन पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा आगे चल रही हैं, जबकि पीडीपी का राज्य से सफाया हो गया है.

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा है, ‘मैं सौभाग्यशाली थी कि मुझे लोगों का प्यार और दुलार मिला. मेरी असफलताओं के लिए उन्हें अपना गुस्सा ज़ाहिर करने का पूरा अधिकार है. विनम्रता के साथ जनादेश स्वीकार है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के विजयी उम्मीदवारों को जीत की बधाई. मैं अपने साथियों और पार्टी कार्यकर्ताओं का प्रति एहसानमंद हूं.’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘ऐतिहासिक जनादेश के लिए नरेंद्र मोदी जी को बधाई. आज यह भाजपा और उसके सहयोगियों के लिए है. कांग्रेस के लिए यह समय एक अमित शाह ढूंढने का है.’

जम्मू में भाजपा कार्यकर्ता पूरे देश में पार्टी के पक्ष में जबर्दस्त रुझान को लेकर खुशी मनाने में जुट गए हैं, वे ढोल की थाप पर नाच रहे हैं और पटाखे छोड़ रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनंतनाग सीट पर तीसरे नंबर पर हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी अब तक 40,180 वोटों के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर पर बढ़त बनाए हुए हैं.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने 70000 से अधिक मतों के अंतर से श्रीनगर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है. अब्दुल्ला को 1,06,750 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीडीपी उम्मीदवार आगा सैयद मोहसिन के खाते में 36,700 वोट आये. अब्दुल्ला चौथी बार लोकसभा के लिए चुने गये हैं.

केंद्रीय मंत्री एवं उधमपुर से भाजपा के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह, कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह से तकरीबन 3.50 लाख मतों से आगे चल रहे हैं.

जम्मू से भाजपा के उम्मीदवार जुगल किशोर ने कांग्रेस के रामभल्ला पर 2.89 मतों की बढ़त बना ली है.

लद्दाख लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी जेटी नामग्याल आगे चल रहे हैं. फिलहाल नामग्याल को अब 41315 वोट मिल चुके हैं.

उत्तर कश्मीर की बारामूला सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार मोहम्मद अकबर लोन ने पीपल्स कॉन्फ्रेंस के राजा एजाज़ अली पर अब तक 30 हजार 442 वोटों की बढ़त ले ली है. इस सीट से किस्मत आजमा रहे पूर्व विधायक शेख अब्दुल रशीद तीसरे स्थान पर हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में मुफ्ती की पीडीपी ने बारामुला, श्रीनगर और अनंतनाग सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी ने ऊधमपुर-डोडा, जम्मू-पुंछ औऱ लद्दाख सीट जीती थीं.

महबूबा मुफ्ती ने खुद अनंतनाग सीट से जीत हासिल की थी. साल 2016 में भाजप के साथ गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बनने के चलते उन्होंने ये सीट छोड़ दी थी. इस बार वे ये सीट नहीं जीत सकीं, जबकि ये उनकी पारंपरिक सीट है और वे लगातार यहां से जीततीं आईं हैं.

मालूम हो कि जम्मू कश्मीर में भाजपा द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी सरकार गिर गई थी. इसके बाद बीते साल 19 जून को राज्य में छह महीने के लिए राज्यपाल शासन लगा दिया गया था. राज्य विधानसभा को भी निलंबित रखा गया था ताकि राजनीतिक पार्टियां नई सरकार गठन के लिए संभावनाएं तलाश सकें.

पिछले साल नवंबर में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती द्वारा जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के कुछ ही देर बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया. तब से राज्य में राज्यपाल शासन हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)