कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से खड़े थे. नौ बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके खड़गे को 5,24,740 वोट मिले जबकि भाजपा के उमेश जाधव को 6,20,192 वोट मिले.
नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पहली बार चुनाव हार गए हैं. वह इस बार कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से चुनाव मैदान में थे. अब तक के 11 चुनावों में उन्हें जीत मिली थी.
खड़गे को गुलबर्गा सीट से भाजपा के उमेश जाधव ने 95,452 वोटों से हराया. खड़गे को 5,24,740 वोट मिले जबकि भाजपा के उमेश जाधव को 6,20,192 वोट मिले.
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, उमेश जाधव कांग्रेस के ही विधायक थे और कुछ महीने पहले बागी होकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. उन्होंने कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ दी थी. इसके बाद ही बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनावों में मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ उम्मीदवार बनाया था.
खड़गे कांग्रेस के ऐसे नेता हैं जिन्होंने 2014 में पार्टी के खिलाफ चली लहर के दौरान भी अपनी सीट बचाने में कामयाबी हासिल की थी. इसके बाद वह संसदीय दल के नेता बने थे. यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान वह रेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
कर्नाटक की राजनीति में खड़गे को दलित नेता के तौर पर माना जाता है. 2013 में कर्नाटक में हुए चुनाव के दौरान वह मुख्यमंत्री की रेस में शामिल थे लेकिन पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति की कमान सौंपी.
कांग्रेस ने खड़गे को 1969 में गुलबर्गा के शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. 1972 में वह पहली बार विधायक बने. इसके बाद 2008 तक लगातार विधायक चुने जाते रहे. साल 2009 में उन्हें गुलबर्गा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया और जीत दर्ज करके वह संसद भवन पहुंचे. वह लगातार दो बार 2009 और 2014 में सांसद बने. खड़गे अपने राजनीतिक करियर में नौ बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं.