लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बसपा सुप्रीमो बोलीं- उत्तर प्रदेश में गठबंधन ने जो सीटें जीती हैं वहां भाजपा ने ईवीएम में गड़बड़ी नहीं कराई ताकि जनता को शक न हो.
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ईवीएम को लेकर हमला बोलते हुए कहा कि जनता का विश्वास इससे हट गया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन ने जो सीटें उत्तर प्रदेश में जीती हैं वहां इन लोगों ने ईवीएम में गड़बड़ी नहीं कराई ताकि जनता को शक न हो.
उन्होंने कहा कि गठबंधन की पार्टियों बसपा, सपा और रालोद के सभी छोटे बड़े कार्यकर्ताओं ने पूरे तन-मन-धन से मेहनत और लगन से लगातार काम किया है. सभी का आभार प्रकट करती हूं खासकर सपा के प्रमुख अखिलेश यादव, रालोद के अजित सिंह ने अपनी पूरी ईमानदारी से काम किया है.
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दल को मिली हैं, सपा-बसपा-रालोद गठबंधन को 15 और कांग्रेस को एक सीट मिली है. अलग-अलग सीटों की बात करें तो समाजवादी पार्टी को 05 और बसपा को 10 सीटें मिली हैं.
मायावती ने चुनाव के परिणाम आने के बाद शाम को मीडिया से कहा, ‘देश के राजनीतिक इतिहास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे हैं समाज के दलित उपेक्षित वर्गों की सत्ता में भागीदारी भी बढ़ी है लेकिन इसे भी अब ईवीएम के माध्यम से सत्ताधारी पार्टी (भाजपा एंड कंपनी) ने पूरे तौर से हाईजैक कर लिया है.’
उन्होंने कहा, ‘ईवीएम से चुनाव कराने की यह कैसी व्यवस्था है जिसमें अनेकों प्रमाण हमारे सामने आए हैं इसलिए पूरे देश में ईवीएम का लगातार विरोध हो रहा है, और इन नतीजों के बाद से तो जनता का इस पर से काफी कुछ विश्वास ही खत्म हो जाएगा. जबकि इस मामले में देश की अधिकतर पार्टियों का चुनाव आयोग में यह कहना रहा है कि ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराएं. चुनाव आयोग और भाजपा को इस पर आपत्ति क्यों होती है. न तो चुनाव आयोग तैयार है और न ही भाजपा मानने को तैयार है तो इसका मतलब कुछ तो गड़बड़ है.’
उन्होंने कहा, ‘जब मतपत्र की व्यवस्था नहीं है तो जनता ईवीएम में वोट डालती है लेकिन जनता इससे संतुष्ट नहीं है. आज पूरे देश में जनता यह देख रही है और मुझे नहीं लगता कि जिस तरीके के नतीजे देश में आए हैं वह लोगों के गले से नहीं उतर रहा है. अधिकतर सभी पार्टियां चुनाव आयोग से लगातार कह रही हैं कि वह ईवीएम के बजाय मतपत्र से चुनाव कराएं तो फिर चुनाव आयोग और भाजपा को इस पर आपत्ति क्यों हो रही है. जब कोई गड़बड़ नहीं है, दिल में कोई काला नहीं है तो क्यों नही मतपत्र से चुनाव कराए जा रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘चुनावों मतपत्र से कराए जाने की मांग पर माननीय सुप्रीम कोर्ट को भी गंभीरता से विचार करना चाहिए, ऐसी हमारी माननीय सुप्रीम कोर्ट से भी पुरजोर मांग है.’
अपने गठबंधन के एक रहने का संदेश देते हुए मायावती ने कहा, ‘देश में अप्रत्याशित परिणामों के बारे मे आगामी रणनीति बनाने के लिए हमारे गठबंधन बसपा-सपा और रालोद तथा हमारी तरह पीड़ित अन्य पार्टियों के साथ भी मिलकर आगे की रणनीति तय की जाएगी. ऐसा नहीं कि हम चुप बैठ जाएंगे. भाजपा के पक्ष में आए अप्रत्याशित चुनावी परिणाम पूरी तरह से आम जनता के गले के नीचे से नही उतर पा रहे है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)