सीबीआई ने बताया कि वकील संजीव पुनालेकर और सनातन संस्था के सदस्य विक्रम भावे को गिरफ़्तार कर लिया गया है. पुनालेकर, वकीलों के एक संगठन हिंदू विद्धिन्य परिषद के अध्यक्ष हैं जो कि सनातन संस्था का ही एक अनुसांगिक संगठन है. वहीं, विक्रम भवे पुनालेकर के ऑफिस में काम करता है.
पुणे: सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकरकी हत्या मामले में सीबीआई ने शनिवार को मुंबई से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें आरोपियों का एक वकील भी शामिल है.
सीबीआई ने दोनों को दाभोलकर की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. उन्हें रविवार को पुणे की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.
गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले में सचिन प्रकाशराव अंदुरे और हिंदू जन जागृति समित के सदस्य वीरेंद्र तावड़े को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
इनसे पूछताछ के बाद ही सीबीआई ने पुनालेकर और भावे की गिरफ्तारी की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि वकील संजीव पुनालेकर और सनातन संस्था के सदस्य विक्रम भावे को गिरफ्तार कर लिया गया है.
Mumbai: CBI team investigating Narendra Dabholkar murder case has arrested two more people, identified as Adv Sanjeev Punakekar and Vikram Bhave. Both have been arrested from Mumbai.
— ANI (@ANI) May 25, 2019
इनमें पुनालेकर कुछ आरोपियों के बचाव में लगा हुआ है. दोनों को रविवार को पुणे की कोर्ट में पेश किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पुनालेकर दाभोलकर पर हमला करने वालों में से एक है.
द क्विंट के अनुसार, पुनालेकर, वकीलों के एक संगठन हिंदू विद्धिन्य परिषद के अध्यक्ष हैं जो कि सनातन संस्था का ही एक अनुसांगिक संगठन है.
वहीं, भावे सनातन संस्था का सदस्य है और 2008 के ठाणे में हुए थियेटर एवं ऑडिटोरियम धमाके का आरोपी है. हालांकि साल 2013 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था.
विक्रम भवे पुनालेकर के ऑफिस में काम करता है. इन दोनों की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
सीबीआई के अनुसार सचिन आंदुरे और शरद कालास्कर ने 20 अगस्त 2013 को अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर को उस समय कथित तौर पर गोली मारी थी, जब वह पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर सुबह की सैर कर रहे थे.
सीबीआई ने पहले दावा किया था कि दाभोलकर और भाकपा के वरिष्ठ नेता और तर्कवादी गोविंद पानसरे की हत्या का मुख्य ‘षडयंत्रकारी’ तावड़े है.
पानसरे को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छह फरवरी 2015 को अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी, जिसके चार दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था.
सीबीआई ने तावड़े, आंदुरे और कालास्कर के अलावा दाभोलकर हत्या मामले में राजेश बंगेरा, अमोल काले और अमित दिगवेकर को गिरफ्तार किया है.
बंगेरा और काले पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या मामले में भी आरोपी हैं. लंकेश की पांच सितंबर 2017 को बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इससे पहले दाभोलकर की हत्या मामले में शिवसेना के पूर्व पार्षद श्रीकांत पंगारकर को महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से 9 और 11 अगस्त के बीच देसी बमों और हथियारों की बरामदगी के सिलसिले में बीते 19 अगस्त को गिरफ्तार किया. कथित मुख्य शूटर सचिन प्रकाशराव आंदुरे से पूछताछ के बाद पंगारकर को पकड़ा गया.
साथ ही तीन लोगों- वैभव राउत, शरद कालस्कर और सुधन्वा गांधालेकर- को पालघर और पुणे ज़िले से 10 अगस्त को बम और हथियार बरामद किए जाने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.
सीबीआई ने जून, 2016 को हिंदू जनजागृति समिति के सदस्य तावड़े को नवी मुम्बई से गिरफ्तार किया था. आरोप-पत्र में उसे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है.
हालांकि, बाद में जांचकर्ताओं ने दावा किया कि दाभोलकर हत्याकांड मामले का मुख्य साजिशकर्ता काले था जबकि बंगेरा ने कथित तौर पर अंदुरे और कालस्कर को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी.
प्रगतिशील लेखक और विचारक नरेंद्र दाभोलकर (2013), गोविंद पानसरे और एमएम कलबुर्गी (2015) और वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्याओं में कथित तौर पर सनातन संस्था से भी संबंधित लोगों का नाम सामने आया है.
सीबीआई के अनुसार, इस मामले में अधिकार आरोपियों का संबंध या तो सनातन संस्था या फिर हिंदू जनजागृति समिति से है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)