उत्तर प्रदेश में ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 14 लोगों की मौत, 39 बीमार

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले का मामला. पंजीकृत दुकान से ली गई थी शराब. मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका. बाराबंकी ज़िला आबकारी अधिकारी, नौ आबकारी कर्मचारियों और दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले का मामला. पंजीकृत दुकान से ली गई थी शराब. मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका. बाराबंकी ज़िला आबकारी अधिकारी, नौ आबकारी कर्मचारियों और दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया है.

Barabanki

बाराबंकी/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई तथा 39 अन्य बीमार हो गए हैं. हालांकि समाचार एजेंसी एएनआई ने अब तक मरने वालों की संख्या 14 बताई है.

बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने बताया कि रामनगर थाना क्षेत्र के रानीगंज गांव और उसके आसपास के मजरों के कई लोगों ने सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को शराब पी थी, जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई. उनमें से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में चार एक ही परिवार के हैं.

उन्होंने बताया कि शराब पीने से बीमार 39 अन्य लोगों को लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय अस्पताल समेत विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है. मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है.

साहनी ने बताया कि मृतकों में विनय प्रताप उर्फ राजू सिंह (30), राजेश (35), रमेश कुमार (35), सोनू (25), मुकेश (28), छोटेलाल (60), सूर्य बक्श, राजेंद्र वर्मा, शिवकुमार (38), महेंद्र, राम सहारे (20) तथा महेश सिंह (45) शामिल हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए मरने वाले लोगों के परिजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता का ऐलान किया है. इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी, नौ आबकारी कर्मियों और दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लखनऊ में बताया कि प्रकरण की जांच के लिए अयोध्या के मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और आबकारी विभाग के आयुक्त की टीम बनाई गई है, जो विभिन्न पहलुओं की जांच करके 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देगी.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित उच्चस्तरीय टीम अन्य पहलुओं के अलावा इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं इस घटना के पीछे कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं है.

उन्होंने कहा कि पहले भी हापुड़ और आज़मगढ़ में हुई ऐसी घटनाओं में राजनीतिक साजिश सामने आई है, लिहाजा जांच के दायरे में इस बिंदु को भी लाया गया है.

सिंह ने कहा कि इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी शिव नारायण दुबे, हलका आबकारी निरीक्षक राम तीरथ मौर्य, तीन आबकारी हेड कॉन्स्टेबल और पांच सिपाहियों के साथ-साथ रामनगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी पवन गौतम और थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है.

इस बीच, प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि यह घटना बेहद गंभीर है क्योंकि जिस शराब को पीने से लोगों की मौत हुई वह आबकारी विभाग के पंजीकृत विक्रेता के यहां से ली गई थी और उसमें संभवतः पहले से मिलावट की गई थी.

उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग समय-समय पर पंजीकृत विक्रेताओं के यहां जांच करवाता रहता है ताकि शराब में किसी भी तरह की मिलावट ना होने पाए. ऐसे में यह मामला बेहद गंभीर है. सिंह ने कहा कि इस मामले के दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा.

बता दें कि इससे पहले इस साल फरवरी महीने में देसी शराब के सेवन से उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में 108 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें 73 लोग उत्तर प्रदेश के थे. इन 73 में से 62 लोग प्रदेश के सहारनपुर और मेरठ जिलों से थे. इस घटना में उत्तराखंड के 35 लोग मारे गए थे.

जांच में पता चला था कि उत्तर प्रदेश से अवैध शराब ख़रीदी और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के एक गांव बालूपुर और इसके आसपास के गांवों में बेच दिया गया था. मरने वाले लोग उत्तराखंड के हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले थे. उन्होंने अपने एक रिश्तेदार की ‘तेरहवीं’ के बाद बीते सात फरवरी की शाम को शराब का सेवन किया था.

वहीं उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुई एक अन्य घटना में तकरीबन 11 लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन से हो गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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