कोलकाता में ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के मामले में जांच समिति का गठन

कोलकाता में बीते 14 मई को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इस दौरान विद्यासागर कॉलेज में बंगाल पुनर्जागरण काल की प्रमुख हस्ती और जाने-माने सुधारवादी ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी गई थी.

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विद्यासागर कॉलेज में क्षतिग्रस्त ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा. (फोटो साभार: ट्विटर)

कोलकाता में बीते 14 मई को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इस दौरान विद्यासागर कॉलेज में बंगाल पुनर्जागरण काल की प्रमुख हस्ती और जाने-माने सुधारवादी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी गई थी.

विद्यासागर कॉलेज में क्षतिग्रस्त ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा. (फोटो साभार: ट्विटर)
विद्यासागर कॉलेज में क्षतिग्रस्त ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा. (फोटो साभार: ट्विटर)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रख्यात समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा तोड़े जाने के मामले की जांच के लिए सोमवार को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया.

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानकारी दी कि इस जांच समिति की अध्यक्षता नए गृह सचिव ए बंधोपाध्याय करेंगे. कोलकाता के पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा, पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त जावेद शमीन और विद्यासागर कॉलेज के प्राचार्य गौतम कुंडू इस समिति के अन्य सदस्य हैं.

बनर्जी ने राज्य सचिवालय में कहा, ‘चुनावों के दौरान शरारती तत्वों ने विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी. हमने एक समिति का गठन किया है… वह मामले एवं उनके कारणों का पता लगाएगी.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में दो प्राथमिकी पहले ही दर्ज कर ली गई है और 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीते 14 मई भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इस दौरान बंगाल पुनर्जागरण काल की प्रमुख हस्ती और जाने-माने सुधारवादी ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई थी.

हिंसा के दौरान विद्यासागर कॉलेज में प्रतिमा तोड़े जाने के मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

कोलकाता विश्वविद्यालय के कॉलेज स्ट्रीट कैंपस और विधान सारणी में विद्यासागर कॉलेज के पास भाजपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थक छात्रों के बीच हुई झड़प में कई लोग घायल भी हुए थे.

टीएमसी छात्र इकाई ने आरोप लगाया था कि भाजपा कार्यकर्ता उन पर बोतल और पत्थर फेंक रहे थे. वहीं भाजपा ने कहा था कि उनके कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया, जिसकी वजह से उन्हें पलटवार करना पड़ा.

वहीं, इस मामले में विद्यासागर कॉलेज के प्रधानाचार्य गौतम कुंडु ने कहा था, ‘भाजपा समर्थक पार्टी का झंडा लिए हमारे दफ्तर के अंदर घुस आए और हमारे साथ बदसलूकी करने लगे. उन्होंने कागज फाड़ दिया, कार्यालय एवं संघ के कक्षों में तोड़फोड़ की और जाते वक्त विद्यासागर की आदम कद प्रतिमा तोड़ दी. उन्होंने दरवाजे बंद कर दिए और मोटरसाइकलों को आग के हवाले कर दिया.’

ममता बनर्जी ने कहा था कि हम इस साल पंडित विद्यासागर की 200वीं जयंती मना रहे हैं, लेकिन दिल्ली के नेताओं बंगाल की विरासत को बर्बाद कर दिया. मैं चुप नहीं बैठूंगी, मैं उन्हें छोडूंगी नहीं.

वहीं, शाह ने टीएमसी पर बंगाल में हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘अब तक हो चुके लोकसभा चुनाव के छह चरणों में बंगाल में हिंसा की घटनाएं लगातार हुईं, यह बताता है कि हिंसा के पीछे टीएमसी है, भाजपा नहीं.’ उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सहानुभूति बटोरने के लिए ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)