तृणमूल कांग्रेस विधायकों और नेताओं का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी. बीते मंगलवार को भी तृणमूल के दो और माकपा के एक विधायक समेत तृणमूल के 50 से अधिक पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे. तृणमूल ने कहा कि अवसरवादियों के पार्टी छोड़ने से फ़र्क़ नहीं पड़ता.
नई दिल्ली/कोलकाता: लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस विधायकों एवं नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है. बुधवार को तृणमूल विधायक मनीरुल इस्लाम और पूर्व विधायक गदाधर हाजरा समेत मोहम्मद आसिफ इकबाल और निमाई दास जैसे कुछ नेता भाजपा में शामिल हो गए.
मंगलवार को भी तृणमूल के दो विधायक, माकपा के एक विधायक एवं तृणमूल के 50 से अधिक पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे.
भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में प्रदेश प्रभारी एवं पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा नेता मुकुल रॉय की मौजूदगी में तृणमूल के इन नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली.
कैलाश विजयवर्गीय एवं मुकुल रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि सभी को मालूम है कि बंगाल में जो हिंसा हुई है, वह तृणमूल कांग्रेस के लोगों द्वारा राज्य सरकार के समर्थन से की जा रही है.
यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से इनकार किया है, विजयवर्गीय ने कहा कि वे नहीं आने का बहाना ढूंढ रही थीं और वह उनको मिल गया है.
उन्होंने कहा कि बंगाल की पार्टी इकाई ने तय किया कि प्रदेश में चुनावी हिंसा में पीड़ित कार्यकर्ताओं से जुड़े लोगों को बुलाया जाए, भाजपा में ये लोग परिवार का हिस्सा हैं और अगर पार्टी अपने लोगों को बुलाती है, तब इसमें ममता जी को क्या आपत्ति हो सकती है?
विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी का संघीय ढांचे में पहले भी विश्वास नहीं रहा है और प्रधानमंत्री पर वह पहले भी टिप्पणी कर चुकी हैं.
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन और तृणमूल को पिछले चुनाव की तुलना में काफी नुकसान होने के घटनाक्रम के बीच भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप का दौर काफी पहले से ही शुरू हो चुका है.
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 मई को नरेंद्र मोदी एवं उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की रजामंदी देने के बाद बुधवार को समारोह में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है.
इससे पहले, पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बीच पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा था कि प्रदेश में सात चरणों में हुए चुनाव की तरह ही अगले महीने से सात चरणों में तृणमूल कांग्रेस विधायकों एवं नेताओं को भाजपा में शामिल करने का कार्यक्रम होगा.
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल से तीन विधायक एवं 50 से अधिक पार्षद मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए जिसमें भाजपा नेता मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशू रॉय भी शामिल हैं. शुभ्रांशू बिजपुर से विधायक हैं. उनके अलावा बिष्णुपुर से टीएमसी के विधायक तुषारकांति भट्टाचार्य और हेमताबाद से माकपा विधायक देबेंद्र नाथ रॉय भाजपा में शामिल हो गए थे.
गौरतलब है कि 2016 में पश्चिम बंगाल में 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 211 सीटों पर जीत मिली थी जबकि भाजपा को सिर्फ तीन सीट हासिल हुई थी. इसके बाद से भाजपा लगातार मजबूत होते हुए मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन गई है.
मुकुल रॉय ने कहा है कि लोग तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं और आने वाले सप्ताह में और लोग शामिल होंगे.
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस में सेंध लगाने में मुकुल रॉय की भूमिका मानी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के शानदार प्रदर्शन में मुकुल रॉय प्रमुख शिल्पकारों में रहे हैं. भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती जबकि तृणमूल कांग्रेस की सीटों की संख्या घटकर 22 पर आ गई.
यदि कुछ अवसरवादी भाजपा में शामिल होते हैं तो इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी के कुछ विधायकों के भाजपा में शामिल होने को तवज्जो नहीं देते हुए बुधवार को कहा कि यदि कुछ अवसरवादी विधायक अपनी निष्ठा छोड़ते है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
तृणमूल कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि भगवा पार्टी में शामिल होने वालों में से कुछ को ऐसा करने की धमकी दी गई थी.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तापस रॉय ने कहा, ‘यदि एक या दो अवसरवादी विधायक भाजपा में शामिल हो जाते है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. कुछ अवसरवादी हैं और इनमें से कुछ को ऐसा करने के लिए धमकाया गया था.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)