कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त और सीआईडी के एडीजी राजीव कुमार पर सारधा चिट फंड मामले की जांच में तथ्यों को दबाने का आरोप है.
कोलकाता: कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त और सीआईडी के एडीजी राजीव कुमार ने सारधा चिटफंड घोटाला जांच मामले में गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट से उनके ख़िलाफ़ जारी सीबीआई नोटिस को रद्द करने की मांग की.
इस मामले में राजीव कुमार पर जांच संबंधी तथ्यों को दबाने का आरोप है.
सीबीआई ने 26 मई को राजीव कुमार के ख़िलाफ़ करोड़ों रुपये के सारधा चिट फंड घोटाला मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया था. उन्हें 29 मई को सीबीआई के सामने पेश होना था लेकिन पश्चिम बंगाल सीआईडी ने एक पत्र लिखकर जांच एजेंसी को बताया कि राजीव कुमार निजी काम से छुट्टी पर चल रहे हैं इसलिए पेश नहीं हो सकते.
सीआईडी ने राजीव कुमार की पेशी के लिए तीन दिनों का समय मांगा था.
जस्टिस प्रतीक प्रकाश बनर्जी ने राजीव कुमार के वकील को अदालत की रजिस्ट्री में याचिका दायर करने के लिए समय दिया था और मामले की सुनवाई के लिए दोपहर दो बजे का समय मुकर्रर किया था.
इससे पहले कुमार के वकील ने हाई कोर्ट की अवकाश पीठ का रुख कर याचिका दायर करने के लिए समय देने की प्रार्थना की थी.
राजीव कुमार को शनिवार को समन करने के अलावा सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया था और कुमार के देश छोड़कर जाने की संभावना को लेकर सभी हवाईअड्डों को सतर्क रहने के निर्देश दिए थे.
राज्य सरकार ने हाल ही में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को बहाल किया था, जिन्हें चुनाव आयोग ने सातवें चरण के मतदान से पहले सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक के पद से हटा दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाला मामले में राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अवधि बढ़ाने की उनकी याचिका पिछले सप्ताह ख़ारिज कर दी थी.
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने कहा था कि वह मामले में राहत पाने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट या यहां की निचली अदालत का रुख कर सकते हैं.
मालूम हो कि राजीव कुमार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह सारधा चिट फंड और रोज वैली घोटालों में सीबीआई की जांच को लेकर संदेह में घेरे में हैं.
सीबीआई के अधिकारियों के एक दल को तीन फरवरी को उस समय राजीव कुमार के आवास जाने से रोक दिया गया था, जब वे चिट फंड घोटाला मामले में उनसे पूछताछ करने गए थे. उस समय राजीव कुमार कोलकाता पुलिस आयुक्त थे.
इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संवैधानिक नियमों पर हमले का हवाला देकर धरने पर बैठ गई थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने पांच फरवरी को राजीव कुमार को आदेश दिया था कि वह मामले की जांच के संबंध में सीबीआई के समक्ष पेश हों. अदालत ने यह भी कहा था कि कुमार के ख़िलाफ़ बलपूर्वक कोई कदम नहीं उठाया जाए. इसके बाद सीबीआई ने कुमार से शिलॉन्ग में पांच दिन पूछताछ की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)