मोबाइल फोन से डेटा हैकिंग, जासूसी के बढ़ते ख़तरे और कुछ मंत्रियों द्वारा कैबिनेट मीटिंग के दौरान मैसेज पढ़ने की वजह से उठाया गया क़दम.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. मोबाइल फोन से डेटा हैकिंग तथा जासूसी के बढ़ते खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में फैसला लिया है. अब सभी मंत्रियों को मीटिंग रूम के बाहर ही अपना मोबाइल फोन जमा कराना होगा, इसके बाद ही वे मीटिंग में शामिल हो सकेंगे.
Uttar Pradesh Government bans use of mobile phones, during cabinet meetings. pic.twitter.com/3RXLD61zs3
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 1, 2019
मोबाइल फोन के बदले में उन्हें संबंधित काउंटर से टोकन मिलेगा, उसी टोकन से मंत्री मीटिंग खत्म होने के बाद अपना मोबाइल फोन वापस पा सकेंगे.
मालूम हो कि इससे पहले कैबिनेट मीटिंग में मंत्रियों को मोबाइल फोन लाने की अनुमति थी, लेकिन उसे ‘साइलेंट’, ‘स्विच ऑफ’ या फिर ‘एरोप्लेन मोड’ पर रखना होता था.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने बाकायदा एक आदेश-पत्र जारी किया है. यह पत्र उप-मुख्यमंत्री, सभी कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री व राज्य मंत्रियों के निजी सचिवों को भेजा गया है.
मुख्यमंत्री सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडिया टुडे से बातचीत में बताया, ‘मुख्यमंत्री चाहते हैं कि सभी मंत्री उन मुद्दों पर ध्यान दें, कैबिनेट मीटिंग जिन पर चर्चा होती है. मीटिंग के दौरान उन्हें अपने मोबाइल फोन से विचलित नहीं होना चाहिए. कुछ मंत्री कैबिनेट मीटिंग में वॉट्सऐप पर मैसेज पढ़ने में व्यस्त रहते थे.’