भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद विमान अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका वायुक्षेत्र में लापता हुआ. आख़िरी बार विमान से दिन में करीब एक बजे संपर्क हुआ था.
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के एएन-32 परिवहन विमान का असम के जोरहाट से सोमवार को उड़ान भरने के करीब 35 मिनट बाद जमीन पर मौजूद एजेंसियों से संपर्क टूट गया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस विमान में 13 लोग सवार थे.
उन्होंने बताया कि विमान ने दोपहर करीब 12:25 मिनट पर उड़ान भरी और 35 मिनट बाद करीब एक बजे उसका ग्राउंड स्टाफ से सभी प्रकार का संपर्क टूट गया.
सूत्रों ने बताया कि विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे. जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद विमान अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका वायुक्षेत्र में लापता हुआ. मेनचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड चीन की सीमा से अधिक दूर नहीं है.
Indian Air Force launches Sukhoi-30 combat aircraft and C-130 Special Ops aircraft on a search mission for locating the IAF AN-32 Aircraft that last contacted ground sources at 1 PM https://t.co/AciubbR92w
— ANI (@ANI) June 3, 2019
बता दें कि एएन-32 रूस निर्मित वायुयान है और वायुसेना बड़ी संख्या में इन विमानों का इस्तेमाल करती है. यह दो इंजन वाला ट्रर्बोप्रॉप परिवहन विमान है.
उन्होंने बताया कि विमान का पता लगाने के लिए भारतीय वायुसेना ने सभी उपलब्ध संसाधन काम में लगा दिए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वायुसेना सुखोई 30 और सी-130 विमानों को लापता विमान के तलाशी अभियान में लगाया है.
इस संबंध में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख राकेश सिंह भदौरिया से बातचीत की है. राजनाथ सिंह ने कहा, ‘विमान को खोजने के लिए उठाए गए कदमों की उन्होंने मुझे जानकारी दी है. मैं विमान में सवार सभी लोगों की कुशलता की कामना करता हूं.’
बता दें कि तीन साल पहले भी 22 जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट एएन-32 लापता हो गया था जिसमें 29 लोग सवार थे. एयरक्राफ्ट चेन्नई से पोर्ट-ब्लेयर की ओर जा रहा था. बंगाल की खाड़ी के बाद इसका संपर्क टूट गया था.
इस परिवहन विमान ने चेन्नई एयरबेस से उड़ान भरी थी और वह अंडमान-निकोबोर द्वीप जा रहा था तभी वह लापता हो गया. इस लापता विमान की तलाश के लिए वायु सेना ने अपना अब तक का अपना सबसे बड़ा तलाशी अभियान चलाया था.
लंबे समय तक चले तलाशी अभियान के बावजूद विमान का पता नहीं चल पाया था और अंत में वायु सेना ने अपना तलाशी अभियान सितंबर 2016 में खत्म कर दिया था. इसके साथ विमान में सवार सभी लोगों को मृत मान लिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)