उत्तर प्रदेश की सीतापुर जिला जेल के अधीक्षक ने बताया कि भाजपा सांसद साक्षी महाराज आए थे. उनकी बलात्कार के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर से दो मिनट की मुलाकात हुई.
लखनऊ: उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज बुधवार को सीतापुर जिला जेल गए और उन्होंने बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से मुलाकात की. मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए साक्षी महाराज ने कहा कि हमारे यहां के लोकप्रिय विधायक कुलदीप सेंगर यहां काफी समय से हैं, चुनाव के बाद उनका धन्यवाद करना उचित समझा इसलिए आया.
सीतापुर जिला जेल के अधीक्षक डीसी मिश्रा ने बताया कि साक्षी महाराज यहां आए. वह सांसद हैं, उन्हें पूरा प्रोटोकोल मिला. आज ईद है और विश्व पर्यावरण दिवस है, वह कुछ समय के लिए रुके और उन्हें जेल में की जा रही बागवानी के बारे में जानकारी दी गई.
उन्नाव के सांसद ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पौधारोपण भी किया. उन्होंने जेल के लिए 1000 पौधे देने का वादा किया, साथ ही जेल में बंद कैदियों द्वारा ईद और रोजा मनाए जाने के बारे में जानकारी हासिल की.
यह पूछने पर कि क्या साक्षी महाराज सेंगर से मिले तो जेल अधीक्षक ने कहा कि दो मिनट की मुलाकात हुई. सेंगर चार बार के विधायक हैं और बलात्कार के आरोपी हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी साक्षी महाराज ने उन्नाव स्थित सेंगर के घर पर गए थे.
बता दें कि उन्नाव से भाजपा विधायक सेंगर को पिछले साल अप्रैल में सीबीआई ने कथित तौर पर 16 साल की लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था. वहीं, पीड़िता के पिता की मौत के मामले में सेंगर के भाई जयदीप सिंह के साथ पांच अन्य पर मामला दर्ज किया गया था.
सीबीआई के अनुसार, विधायक सेंगर और उनके भाई को बदनाम करने पर आरोपियों ने पीड़िता के पिता को कथित तौर पर प्रताड़ित किया था. इसके बाद उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया था लेकिन जेल में उनकी हालात खराब हो गई. इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया जहां अगली सुबह उनकी मौत हो गई.
यह मामला 8 अप्रैल, 2018 को तब सामने आया जब पीड़िता ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निवास के बाहर खुद को जलाने का प्रयास किया था. पीड़िता ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था. उसके परिवार ने आरोप लगाया कि 4 जून, 2017 को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ बलात्कार किया.
इसके बाद उन्नाव पुलिस ने तीन मामले दर्ज किए. विवाद बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)