विश्वकप खेल रहे भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर सेना के प्रतीक चिह्न पर आपत्ति जताते हुए आईसीसी ने बीसीसीआई से इन्हें हटवाने को कहा था लेकिन अब बीसीसीआई ने साफ किया है कि यह चिह्न सेना से जुड़ा हुआ नहीं है.
नई दिल्लीः विश्वकप में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए मैच के दौरान भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के दस्ताने पर बने अर्द्धसैनिक बलों के चिह्न को लेकर विवाद थम नहीं रहा.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इसे नियमों के ख़िलाफ़ बताते हुए गुरुवार को बीसीसीआई से इस बैज को हटाने का अनुरोध किया था लेकिन बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने शुक्रवार को कहा कि धोनी विकेटकीपिंग के दौरान कृपाण चिह्न वाले दस्ताने पहनना जारी रख सकते हैं क्योंकि यह सेना से जुड़ा नहीं है.
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि बीसीसीआई ने इसको लेकर आईसीसी से मंजूरी देने के लिये कहा है.
International Cricket Council (ICC) has requested Board of Control for Cricket in India (BCCI) to get the 'Balidaan Badge' or the regimental dagger insignia of the Indian Para Special Forces removed from Mahendra Singh Dhoni's wicket-keeping gloves. pic.twitter.com/63rOjsCooX
— ANI (@ANI) June 6, 2019
भारत के दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ शुरुआती मैच के दौरान धोनी के दस्तानों पर कृपाण वाला चिह्न बना हुआ था जो सेना के प्रतीक चिह्न जैसा लग रहा था.
राय ने कहा, ‘बीसीसीआई पहले ही मंजूरी के लिये आईसीसी को औपचारिक अनुरोध कर चुका है. आईसीसी के नियमों के अनुसार खिलाड़ी कोई व्यावसायिक, धार्मिक या सेना का लोगो नहीं लगा सकता है. हम सभी जानते हैं कि इस मामले में व्यावसायिक या धार्मिकता जैसा कोई मामला नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘यह अर्द्धसैनिक बलों का चिह्न नहीं है इसलिए धोनी ने आईसीसी के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है.’
उनका यह बयान आईसीसी द्वारा बीसीसीआई से किए गए उस अनुरोध के बाद आया है, जिसमें आईसीसी ने बीसीसीआई को धोनी को दस्ताने से चिह्न हटाने के लिए कहने को कहा था.
इस संदर्भ में आईसीसी ने उन नियमों का हवाला दिया जो खिलाड़ियों को राजनीति, धर्म, जातीय गतिविधियों या किसी अन्य उद्देश्यों के लिए किसी तरह के संदेश को प्रसारित करने से रोकते हैं.
मालूम हो कि धोनी प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट के मानद लेफ्टिनेंट हैं और यह चिह्न उनके प्रतीक चिह्न का हिस्सा है.
सीओए प्रमुख ने इस संदर्भ में कहा कि अर्द्धसैनिक बल के कृपाण वाले चिह्न में बलिदान शब्द लिखा है जबकि धोनी ने जो लोगो लगा रखा है, उस पर यह शब्द नहीं लिखा है.
सीओए ने यह प्रतिक्रिया आईसीसी की आपत्ति को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद दी है.
जब राय से पूछा गया कि अगर आईसीसी चिह्न हटाने पर अड़ा रहा तो भारत की क्या प्रतिक्रिया होगी? इस पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसे हटाने के लिये आग्रह किया गया है न कि निर्देश दिए गए हैं. जहां तक हमारा सवाल है तो बीसीसीआई सीईओ (राहुल जोहरी) आस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मैच से पहले वहां पहुंच जाएंगे और आईसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे.’
Sports Minister Kiren Rijiju: Govt doesn't intervene in affairs of sports bodies,they are autonomous. But when issue is related to country's sentiments,then interest of the nation has to be kept in mind. I would like to request BCCI to take up the matter with ICC. #Dhoni pic.twitter.com/AqFfCrTOqe
— ANI (@ANI) June 7, 2019
इस पूरे मामले पर खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ‘सरकार खेल संस्थाओं के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती. वे स्वायत्त हैं लेकिन जब मुद्दा देश की भावनाओं को लेकर है तो देशहित में इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए. मैं बीसीसीआई से आग्रह करूंगा कि वह इस मामले को आईसीसी के पास लेकर जाए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)