मामले की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं एक महिला इंस्पेक्टर सहित छह सदस्यीय एसआईटी बनाई गई है. हत्या के संबंध में दो लोगों को रासुका के तहत गिरफ़्तार किया गया है.
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में ढाई वर्ष की मासूम बच्ची की नृशंस हत्या के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में टप्पल थाना प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि पुलिस क्षेत्राधिकारी पंकज श्रीवास्तव द्वारा की गयी जांच के आधार पर गुरुवार को निलंबन की कार्रवाई की गई.
उन्होंने बताया कि मामले की आगे जांच के लिए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं एक महिला इंस्पेक्टर सहित छह सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई गई है.
एडीजी (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया, ‘पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), फोरेंसिक साइंस टीम, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और विशेषज्ञों की एक टीम को भी एसआईटी में शामिल किया गया है ताकि मामले की जांच जल्द से जल्द की जा सके. मामले में पॉक्सो अधिनियम शामिल किया जाएगा.’
ADG (Law&Order) Anand Kumar: SIT formed under Superintendent of Police rural area (SPRA). Forensic science team, Special Operation Group (SOG) & a team of experts also in the SIT to conduct investigation on a fast track basis. POCSO Act will also be there in the case. pic.twitter.com/VxHUldISHF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 7, 2019
इस बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एसएसपी अलीगढ़ से मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है. आयोग प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने एसएसपी आकाश कुलहरि से शुक्रवार को बात की और उनसे जरूरी कार्रवाई करने को कहा.
कुलहरि ने आयोग को जानकारी दी कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. आयोग ने एसएसपी से तथ्यान्वेषी जांच रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट मिलने पर, आयोग इस पर गौर करेगा और जिला प्रशासन को उचित निर्देश देगा.
उधर, मासूम बच्ची के पिता ने अनशन पर बैठने की धमकी थी. पुलिस अधीक्षक कुलहरि ने उनसे मुलाकात कर उन्हें समझाया बुझाया कि वह आमरण अनशन न करें. बच्ची के पिता की मांग है कि कथित हत्यारों के परिवारवालों को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्होंने पिता को आश्वासन दिया है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए तेजी से न्याय सुनिश्चित किया जाएगा.
पुलिस के मुताबिक, दो गिरफ्तार आरोपियों जाहिद (27) और असलम (42) ने जुर्म कबूल कर लिया है. महज 10 हजार रुपये के लिए इस अपराध को अंजाम दिया गया. यह रकम बच्ची के पिता ने उधार ली थी और वह उसे वापस नहीं कर पा रहे थे.
दोनों आरोपियों को पुलिस ने बीते चार जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) और धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया है.
आकाश कुलहरि का कहना है, ‘शुरुआती जांच में आपसी रंजिश और दुश्मनी का मामला लगा. ऐसे में बच्ची के पिता से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले उनके पड़ोस में रहने वाले जाहिद नाम के शख्स से पैसों को लेकर उसका झगड़ा हुआ, जिसमें उसने धमकी दी थी.’
बच्ची टप्पल कस्बे से 30 मई को गायब हो गई थी, अगले दिन 31 मई को उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. पुलिस को उसका क्षत-विक्षत शव दो जून को उसके घर के निकट ही कूडे़ के पास मिला.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कुलहरि ने कहा, ‘पूछताछ में जाहिद ने बताया है कि असलम के साथ मिलकर उसने ढाई साल की मासूम के दुप्पटे से ही उसका गला घोंटा था. आरोपियों ने शव को अपने घर में एक बोरे में भरकर रख दिया था, लेकिन जब शव खराब होने लगा तो दोनों ने उसे कूड़े के ढेर में फेंक दिया था.’
रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के पिता मजदूर और मां गृहिणी हैं. परिवारोंवालों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने अगर समय से कार्रवाई की होती तो लड़की को बचाया जा सकता था. इसके बाद एएसपी ने टप्पल पुलिस थाने के प्रभारी केपी सिंह को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस लाइन भेज दिया था.
पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि गला घोंटने के कारण मौत हुई.
कुलहरि ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. टप्पल जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर है. कस्बे में एहतियातन सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. बुधवार को यहां तनाव व्याप्त हो गया था.
इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बच्ची की मां ने कहा, ‘आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करना उन्हें और बढ़ावा देगा. असलम ने अपनी चार साल की बेटी के साथ बलात्कार किया था. उसके बाद उसकी पत्नी बच्ची को लेकर अपने मां-बाप के घर चली गई थी.’
उन्होंने कहा, ‘मैं मोदी सरकार और योगी सरकार से मांग करती हूं कि आरोपियों को सजा दी जाए. हम उनके लिए मौत की सजा चाहते हैं. अगर वह सिर्फ सात साल की सजा काटकर बाहर आता है तो उसे ऐसे काम करने के लिए और बढ़ावा मिल जाएगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)