झारखंड: कथित तौर पर भूख से एक बुज़ुर्ग की मौत

परिवारवालों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से घर में अन्न का एक दाना भी नहीं था, इसलिए भूख से बुजुर्ग की मौत हो गई. वहीं, प्रशासन ने भूख से मौत होने की बात से इनकार किया है.

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रामचरण मुंडा का परिवार. (फोटो साभार: एएनआई)

परिवारवालों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से घर में अन्न का एक दाना भी नहीं था, इसलिए भूख से बुजुर्ग की मौत हो गई. वहीं, प्रशासन ने भूख से मौत होने की बात से इनकार किया है.

रामचरण मुंडा का परिवार. (फोटो साभार: एएनआई)
रामचरण मुंडा का परिवार. (फोटो साभार: एएनआई)

लातेहार: झारखंड के लातेहार जिले में कथित तौर पर भूख से एक बुजुर्ग की मौत हो जाने का मामला सामने आया है. परिवारवालों का आरोप है कि पिछले तीन दिनों से घर में अन्न का एक दाना नहीं था.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मृतक की पहचान 65 वर्षीय रामचरण मुंडा के रूप में हुई हैं. रामचरण की मौत बीते छह जून को कथित तौर पर भूख से हो गई. उन्हें कई महीनों से राशन नहीं मिल रहा था क्योंकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बायोमेट्रिक आधारित राशन पाने के लिए जिस इलेक्ट्रॉनिक मशीन का इस्तेमाल होता है, वह खराब थी.

रामचरण लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में आने वाले दुरुप पंचायत के लुरगुमी कला गांव के रहने वाले थे.

एएनआई से बातचीत में उनकी बेटी ने कहा, ‘पिछले तीन महीने से हमें राशन नहीं मिल रहा था. पिछले तीन-चार दिनों से हम लोगों ने कुछ खाया भी नहीं था.’

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, दुर्गम पहाड़ी इलाके में यह गांव होने के कारण यहां मोबाइल नेटवर्क सही तरीके से काम नहीं करता है, इस कारण डीलर ने ऑनलाइन का बहाना बनाकर तीन माह राशन का वितरण नहीं किया था. इसी वजह से परिवार को राशन नहीं मिला था.

रिपोर्ट के अनुसार, रामचरण मुंडा की पत्नी चमरी देवी ने भी कहा कि उनके पति की मौत भुखमरी से हुई है. गांववालों ने इस मामले की जानकारी मनरेगा सहायता केंद्र को दी थी.

दैनिक जागरण से बात करते हुए मनरेगा से जुड़ीं अधिकारी अफसाना ने बताया कि जब वह रामचरण मुंडा के घर गई थीं तो पता चला कि घर में अनाज नहीं था और तीन दिनों से घर का चूल्हा नहीं जला था.

रिपोर्ट के अनुसार, अनुमंडल पदाधिकारी को घटना की विस्तृत जानकारी दी तो उन्होंने एक अधिकारी को भेजकर पीड़ित परिवार को तत्काल मदद पहुंचाने का आदेश दिया. मृतक की पत्नी चमरी देवी को 50 किलो अनाज और उनके पति के अंतिम संस्कार के लिए 2000 रुपये दिए गए.

हालांकि प्रशासन ने रामचरण मुंडा की भूख से मौत होने की बात से इनकार किया है.

इस मामले में दैनिक जागरण से बातचीत में बीडीओ प्रीति किस्कू ने कहा कि रामचरण मुंडा की मौत लू लगने से हुई है. अगर अनाज नहीं मिल रहा था तो इसकी जांच कराई जाएगी.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में एसडीएम सुधीर कुमार ने कहा, ‘यह बात साबित नहीं हुई है कि उनकी (रामचरण मुंडा) मौत भुखमरी से हुई. उन्हें आयुष्मान भारत योजना, राशन कार्ड, पेंशन योजना का लाभ मिला है. यहां पर इंटरनेट कनेक्शन नहीं हैं, इसलिए हम ऑफलाइन वितरण (राशन) नहीं कर रहे हैं.’