योगी के मंत्री बोले, नाबालिग और 30-35 साल की महिला के साथ हुए बलात्कार में अंतर होता है

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा हर रेप की अलग प्रकृति होता है. कई बार सात-आठ साल रिश्ते में रहने के बाद भी महिलाएं रेप का आरोप लगा देती हैं, ऐसा है तो सवाल उठेगा ही कि सात साल पहले क्यों नहीं कहा.

/

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा हर रेप की अलग प्रकृति होता है. कई बार सात-आठ साल रिश्ते में रहने के बाद भी महिलाएं रेप का आरोप लगा देती हैं, ऐसा है तो सवाल उठेगा ही कि सात साल पहले क्यों नहीं कहा.

Tiwari-ANI
योगी सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी (फोटोः एएनआई)

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार में जल संसाधन, वन एवं पर्यावरण मंत्री उपेंद्र तिवारी ने रविवार को कहा कि हर बलात्कार की अलग प्रकृति होती है और शादीशुदा महिलाओं का बलात्कार अलग होता है.

एएनआई के मुताबिक, राज्य में महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराध पर पत्रकारों से बात करते हुए उपेंद्र तिवारी ने कहा, ‘रेप का अलग-अलग नेचर (प्रकार) होता है. अब जैसे कोई नाबालिग लड़की है, उसके साथ रेप हुआ है तो उसको तो हम रेप मानेंगे, लेकिन कहीं-कहीं यह भी सुनने में आता है कि विवाहित महिला है, उम्र 30-35 साल है.’

उन्होंने कहा, ‘कई बार सात-आठ साल से प्रेम संबंध चल रहा है, मगर आरोप लगाते हैं कि मेरे साथ रेप हुआ है तो यह आम सवाल होता है कि सात साल पहले इस बारे में सोचना चाहिए था. इसलिए अलग-अलग नेचर होता है रेप का.’

उन्होंने कहा, ‘हर रेप का अलग नेचर (प्रकार) होता है. कई बार सात-आठ साल रिश्ते में रहने के बाद भी महिलाएं रेप का आरोप लगा देती हैं, ऐसा है तो सवाल तो उठेगा ही कि सात साल पहले क्यों नहीं कहा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘रेप की कहीं भी कोई घटना होती है, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसका खुद संज्ञान लेते हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना सरकार की प्राथमिकता है.’

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब उत्तर प्रदेश में बलात्कार की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें एक अलीगढ़ का मामला है, जिसमें पैसों के लेनदेन में ढाई साल की एक बच्ची की नृशंस हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी जाहिद को गिरफ्तार कर लिया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर एक पत्रकार की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए तिवारी ने कहा, ‘ख़बरों के रूप में पत्रकार जो कुछ भी प्रसारित करते हैं, उसके लिए पत्रकार ही जिम्मेदार हैं. हर मीडियाकर्मी को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले तथ्यों को जांच लेना चाहिए. अगर महिला के पास अपने दावों को पुख्ता करने के लिए कोई साक्ष्य है तो उसे उन साक्ष्यों को पेश करना चाहिए.’

मालूम हो कि योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में यूपी पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को शनिवार सुबह दिल्ली के मंडावली स्थित उसके घर से हिरासत में लिया गया था.