पिछले साल जनवरी में जम्मू कश्मीर के कठुआ ज़िले के रसाना गांव में आठ साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी. कोर्ट ने मामले में छह लोगों को दोषी ठहराया था.
पठानकोट: कठुआ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में पठानकोट कोर्ट ने सांजी राम, प्रवेश कुमार उर्फ मन्नू और दीपक खजुरिया नाम के तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. बाकी के तीन दोषियों- तिलक राज, आनंद दत्त और सुरिंदर कुमार को पांच-पांच साल की सजा दी गई है.
वहीं, विशाल नाम के एक आरोपी को बरी कर दिया गया है. जिला एवं सत्र न्यायालय जज तेजविंदर सिंह ने ये फैसला दिया.
मालूम हो कि मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने सात लोगों के खिलाफ मुख्य आरोपपत्र दायर किया था. एक किशोर आरोपी के खिलाफ अलग से आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें बताया गया था कि किस तरह नाबालिग लड़की को कथित तौर पर अगवा किया गया, नशे की दवा दी गई और एक पूजा स्थल के भीतर उससे बलात्कार किया गया. जिसके बाद लड़की की हत्या कर दी गई थी.
JUST IN: Of the six convicted, District and Sessions judge Pathankot, Tejwinder Singh, sentences three convicts-Sanjhiram, Deepak and Pravesh with life imprisonment, and remaining three with 5 years of imprisonment.#KathuaRapeVerdict
— The Leaflet (@TheLeaflet_in) June 10, 2019
आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, गैंगरेप और हत्या के आरोप में रणबीर दंड संहिता की धारा 120 बी, 328, 363, 343, 376डी, 302, 328 और 201 के तहत आरोप तय किए गए थे.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद इस मामले में हर दिन कैमरे की निगरानी में ट्रायल किया गया और तीन जून को अभियोजन एवं बचाव पक्ष के 114 गवाहों की गवाही पूरी हुई थी.
पीड़िता के पिता द्वारा जम्मू में खुद के, अपने परिवार और वकील की जान को खतरा बताते पर सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले को कठुआ से पठानकोट स्थानांतरित कर दिया था.
सामूहिक बलात्कार और हत्या के इस जघन्य मामले के घटनाक्रम की शुरुआत 10 जनवरी को होती है. इस दिन कठुआ ज़िले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव की लड़की गायब हो जाती है. वह बकरवाल समुदाय की थी जो एक ख़ानाबदोश समुदाय है. इसका ताल्लुक मुस्लिम धर्म से है.
Kathua rape and murder case: Tilak Raj, Anand Dutt and Surinder Kumar have been convicted for destruction of evidence. They have been given 5 years of imprisonment each. https://t.co/Wnmc4tdZ1M
— ANI (@ANI) June 10, 2019
परिवार के मुताबिक, यह बच्ची 10 जनवरी को दोपहर क़रीब 12:30 बजे घर से घोड़ों को चराने के लिए निकली थी और उसके बाद वो घर वापस नहीं लौट पाई.
फिर क़रीब एक सप्ताह बाद 17 जनवरी को जंगल में उस मासूम की लाश मिलती है. मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि लड़की के साथ कई बार कई दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म हुआ है और पत्थर से कूचकर उसकी हत्या की गई थी. उसे भारी मात्रा में नींद की गोलियां दी गई थीं. जिस वजह से वह कोमा में चली गई थी.
अपराध शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार, बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची-समझी साज़िश थी. नाबालिग के लिए एक अलग आरोप पत्र दायर किया गया है.
कठुआ में एक गांव के ‘देवीस्थान’ की देखरेख करने वाले सांजी राम को इस अपराध के पीछे का मुख्य साज़िशकर्ता बताया गया.
इस अपराध में विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा, दोस्त प्रवेश कुमार उर्फ मन्नू, सांजी राम का भतीजा, बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ ‘शम्मा’ और एक नाबालिग शामिल थे.
आरोप पत्र में जांच अधिकारी हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्ता का भी नाम है जिन्होंने कथित तौर पर राम से चार लाख रुपये लिये और अहम साक्ष्य नष्ट किए.
कठुआ मामले का पूरा घटनाक्रम
10 जनवरी, 2018: जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के रसाना गांव में बकरवाल जनजाति की आठ साल की बच्ची मवेशी चराते समय लापता हो गई.
12 जनवरी, 2018: बच्ची के पिता की शिकायत पर हीरानगर पुलिस थाना में एक मामला दर्ज किया गया.
17 जनवरी, 2018: बच्ची का शव बरामद . पोस्टमॉर्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई.
22 जनवरी, 2018: मामला जम्मू कश्मीर अपराध शाखा को सौंपा गया.
16 फरवरी, 2018: दक्षिणपंथी समूह ‘हिंदू एकता मंच’ ने एक आरोपी के समर्थन में प्रदर्शन किया.
01 मार्च, 2018: बच्ची के अपहरण और बलात्कार की घटना के संबंध में ‘देवीस्थान’ (मंदिर) के प्रभारी के भतीजे की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में दो मंत्री भाजपा के चंद्र प्रकाश गंगा और लाल सिंह ‘हिंदू एकता मंच’ द्वारा आयोजित रैली में शामिल हुए.
09 अप्रैल, 2018: पुलिस ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ कठुआ अदालत में आरोपपत्र दायर किया.
10 अप्रैल, 2018: आठवें आरोपी के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया गया जिसने नाबालिग होने का दावा किया था. पुलिस ने अपराध शाखा के अधिकारियों को नौ अप्रैल को आरोपपत्र दायर करने से रोकने की कोशिश करने और प्रदर्शन करने के आरोप में वकीलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
14 अप्रैल, 2018: हिंदू एकता मंच की रैली में शरीक हुए भाजपा के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस अपराध को ‘खौफनाक’ बताया और प्रशासन से शीघ्र न्याय के लिए कहा.
16 अप्रैल, 2018: कठुआ में प्रधान सत्र अदालत के जज के समक्ष सुनवाई शुरू हुई. सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष कहा.
07 मई, 2018: उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के लिये मामला कठुआ से पंजाब के पठानकोट स्थानांतरित किया. शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शीघ्रता से करने का निर्देश दिया. साथ ही यह भी कहा कि सुनवाई मीडिया से दूर, बंद कमरे में हो.
03 जून, 2019: सुनवाई पूरी हुई.