पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की ज़मानत अर्ज़ी चौथी बार भी ख़ारिज

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी ने वेस्टमिंस्टर कोर्ट से तीन बार याचिका ख़ारिज होने के बाद 31 मई को ब्रिटेन हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी. उन्हें 19 मार्च को लंदन में गिरफ़्तार किया गया था.

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(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने वेस्टमिंस्टर कोर्ट से तीन बार ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के बाद 31 मई को ब्रिटेन हाईकोर्ट में अर्ज़ी लगाई थी. उन्हें 19 मार्च को लंदन में गिरफ़्तार किया गया था.

(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)
(फोटो साभार: फेसबुक/नीरव मोदी)

लंदनः ब्रिटेन हाईकोर्ट ने भी भगोड़े भारतीय हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका बुधवार को ख़ारिज कर दी.

इस मामले की मंगलवार को सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने आज फैसला सुनाया. इससे पहले वेस्टमिंस्टर कोर्ट उनकी जमानत याचिका लगातार तीन बार खारिज कर चुका है.

वेस्टमिंस्टर कोर्ट से तीन बार याचिका ख़ारिज होने के बाद नीरव ने 31 मई को ब्रिटेन हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी.

ब्रिटेन की रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस की जज इनग्रिड सिमलर ने कहा कि इस बात का ठोस आधार है कि नीरव मोदी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे. जज ने यह आशंका भी जताई कि उन्हें (नीरव) जमानत देने से गवाहों को प्रभावित कर कानूनी प्रक्रिया को बाधित किया जा सकता है.

हाईकोर्ट में नीरव की याचिका पर 11 जून  को सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने कहा था कि फैसले के लिए वक्त चाहिए इसलिए बुधवार की तारीख दी.

नीरव मोदी 86 दिन से लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद हैं. उन्हें 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था.

हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान नीरव की वकील क्लेर मोंटगोमरी ने कहा था कि जमानत मिलने पर नीरव इलेक्ट्रोनिक डिवाइस से निगरानी रखे जाने के लिए तैयार है, उनका फोन भी ट्रैक किया जा सकेगा.

मोंटगोमरी ने कहा कि नीरव यहां पैसा कमाने आए हैं. अब तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आई जिससे लगे कि वह भाग सकता है. उसके बेटे-बेटी भी यहां पढ़ाई के लिए आने वाले हैं.

भारत की ओर से केस लड़ रही संस्था क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा, ‘नीरव पर आपराधिक और धोखाधड़ी के आरोप हैं. यह असुरक्षित कर्ज का मामला है. जज ने भी अब तक यह समझ लिया है कि इस मामले में डमी पार्टनर्स के जरिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स जारी किए गए. हमने जज से कहा कि आपने मामला सही समझा है.’

सीपीएस ने कहा, ‘हमने जज को बताया कि नीरव के प्रत्यर्पण का केस चलने के दौरान अगर जमानत दी जाती है तो यह अलग बात है लेकिन अभी जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उस पर गंभीर आरोप हैं. उसका ब्रिटेन आना कोई संयोग नहीं था. जिस तरह से उसने धोखेबाजी की, वह जानता था कि यह दिन आएगा. उसने जमानत के लिए जमानत राशि का प्रस्ताव भी रखा. अगर उसे जमानत दी जाती है तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है.’

मालूम हो कि मोदी भारत में पंजाब नेशनल बैंक के साथ तकरीबन 13,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के आरोपी हैं.