भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान तीन जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद अरुणाचल प्रदेश के मेचुका वायुक्षेत्र में लापता हो गया था.
नई दिल्लीः भारतीय वायुसेना के एएन-32 परिवहन विमान का मलबा मिलने के एक दिन बाद शुक्रवार को दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी 13 वायुसेनाकर्मियों का शव बरामद कर लिया गया है. इसके अलावा विमान का ब्लैक बॉक्स भी खोज लिया गया है.
वायुसेना ने गुरुवार सुबह पुष्टि की थी कि दुर्घटना में कोई जीवित नहीं बचा है.
IAF on #AN32 aircraft rescue update: The process of recovering the mortal remains of all air warriors is still on at crash site. Cockpit Voice Recorder (CVR) and Flight Data Recorder (FDR) have been recovered, all efforts are being made to expeditiously complete the task. pic.twitter.com/YIdEmrWRIn
— ANI (@ANI) June 14, 2019
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विमान का ‘ब्लैक बॉक्स’ दुर्घटना स्थल से बरामद हो गया है और यह दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद करेगा.
वायुसेना इस दुर्घटना की जांच (कोर्ट ऑफ इनक्वायरी) का आदेश पहले ही दे चुकी है.
रूस निर्मित एएन-32 विमान तीन जून को असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के पास मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था. तभी उड़ान भरने के करीब 33 मिनट बाद उसका रडार से संपर्क टूट गया.
वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर ने बीते 11 जून को अरुणाचल प्रदेश के सियांग और शी-योमी जिलों की सीमा पर स्थित गाट्टे गांव के पास 12,000 फुट की ऊंचाई पर विमान का मलबा देखा था.
इससे पहले, विमानों और हेलीकॉप्टरों के बेड़े तथा जमीनी बलों ने आठ दिनों तक व्यापक खोज अभियान चलाया था. घने जंगलों और दुर्गम क्षेत्र में खराब मौसम ने हवाई खोज अभियान को प्रभावित किया.
अधिकारियों ने कहा कि इलाके से शवों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा.
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि बचावकर्मियों की टीम के आठ सदस्य दुर्घटना में जीवित बचे लोगों की तलाश में बृहस्पतिवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंचे. दुर्भाग्य से इस दुर्घटना में विमान में सवार कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं बचा.
इन 13 वायुसेनाकर्मियों की पहचान विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्क्वाड्रन लीडर एच. विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर. थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए. तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस. मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग, वारंट ऑफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार एस, कॉर्पोरल शेरिन एनके, लीड एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह, लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज, असैन्य कर्मचारी पुतली और असैन्य कर्मचारी राजेश कुमार के रूप में की गई है.
विमान के ब्लैक बॉक्स को भी खोज लिया गया है. ब्लैक बॉक्स में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर शामिल हैं.
मालूम हो कि भारतीय वायुसेना का रूस निर्मित एएन-32 विमान तीन जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद अरुणाचल प्रदेश के मेचुका वायुक्षेत्र में लापता हो गया था.
वायुसेना ने कहा, ‘वायुसेना तीन जून 2019 को एएन-32 (विमान) के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान अपनी जान गंवाने वाले वायुसेना के बहादुर जांबाजों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है. वायुसेना उनके पार्थिव शरीर को बरामद करने की हर कोशिश कर रही है.’
वायुसेना ने कहा कि वायुसेनाकर्मियों के पार्थिव शरीर को शीघ्रता से जोरहाट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
राजेश कुमार के परिजनों ने कहा, कोई अधिकारी आकर नहीं मिला
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, असैन्य कर्मचारी राजेश कुमार का नाम भी मृतकों की सूची में शामिल है.
भारतीय वायुसेना द्वारा एएन-32 विमान दुर्घटना में सभी 13 लोगों के मारे जाने की घोषणा करने के बाद दिल्ली में चाय का स्टॉल चलाने वाले राम संतोष ने कहा कि उन्हें पायलट के संबंधी का फोन आया था.
संतोष ने कहा, ‘उन्होंने मुझे बताया कि सभी 13 लोगों की मौत हो गई है और उसमें मेरा भाई राजेश कुमार भी है, जो वायुसेना में बावर्ची था.’
राजेश कुमार चार साल पहले वायुसेना में भर्ती हुआ था.
संतोष ने बताया कि बीते 11 दिनों में वायुसेना का एक भी अधिकारी उनके परिवार से आकर नहीं मिला.