लोकसभा चुनाव के दौरान खरीदे गए 76 प्रतिशत चुनावी बॉन्ड

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, एक मार्च 2018 से 24 जनवरी 2019 के बीच कुल 1,407.09 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए, जबकि एक मार्च से 10 मई 2019 तक कुल 4,444.32 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए.

//
प्रतीकात्मक तस्वीर.

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, एक मार्च 2018 से 24 जनवरी 2019 के बीच कुल 1,407.09 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए, जबकि एक मार्च से 10 मई 2019 तक कुल 4,444.32 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए.

प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

इंदौर: सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ है कि सियासी दलों को चंदा देने के लिए एक मार्च 2018 से शुरू की गई योजना के 10 चरणों के दौरान कुल 5,851.41 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए.

चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से करीब 76 प्रतिशत बॉन्ड, इनकी बिक्री के आखिरी तीन चरणों में खरीदे गए, जब लोकसभा चुनावों की सरगर्मियां चरम पर थीं.

मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से दो आरटीआई अर्जियों के जरिए मिले आंकड़ों के हवाले से रविवार को यह जानकारी साझा की.

उन्होंने बताया कि उनकी एक आरटीआई अर्जी से पता चला कि गुमनाम चंदादाताओं ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक की विभिन्न अधिकृत शाखाओं के जरिए एक मार्च 2018 से 24 जनवरी 2019 के बीच शुरूआती सात चरणों में कुल 1,407.09 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे.

गौड़ ने जब एक मार्च से 10 मई 2019 तक आठवें, नौवें और दसवें चरणों में चुनावी बॉन्ड की बिक्री को लेकर एसबीआई के सामने एक और आरटीआई अर्जी दायर की, तो इसके जवाब में सूचना दी गई कि आखिरी के इन तीनों चरणों में कुल 4,444.32 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए.

गौरतलब है कि सरकार ने देश भर में एसबीआई की विभिन्न अधिकृत शाखाओं के जरिए अलग-अलग अवधि के कुल 10 चरणों में एक मार्च 2018 से 10 मई 2019 तक चुनावी बॉन्ड बेचने का कार्यक्रम तय किया था. ये बॉन्ड एक हजार रुपये, दस हजार रुपये, एक लाख रुपये, दस लाख रुपये और एक करोड़ रुपये के मूल्य वर्गों में बिक्री के लिए जारी किए गए थे.

निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की 10 मार्च को घोषणा किए जाते ही देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी. इन चुनावों का सात चरणों का मतदान 11 अप्रैल से शुरू होकर 19 मई को खत्म हुआ, जबकि वोटों की गिनती 23 मई को की गई थी.

केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड बिक्री के दसवें चरण के लिए हालांकि पूर्व में छह मई से 15 मई 2019 की अवधि की घोषणा की थी. लेकिन बाद में इस मियाद में पांच दिन की कटौती कर इसे छह मई से 10 मई 2019 कर दिया गया था.

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में अधिसूचित चुनावी बॉन्ड योजना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है.

कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वह सत्ता में आने पर निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करेगी और इसके स्थान पर एक राष्ट्रीय चुनाव कोष स्थापित करेगी.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25