कोलकाता के यूको बैंक ने 665 डिफॉल्टर्स की सूची जारी की है. जानबूझकर कर्ज़ नहीं चुकाने वाली अन्य प्रमुख कंपनियों में जूम डेवलपर्स, फर्स्ट लिजिंग कंपनी ऑफ इंडिया, मोजर बेयर इंडिया और सूर्या विनायक इंडस्ट्रीज हैं.
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक ने बिड़ला सूर्या लिमिटेड की ओर से 67.55 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने के कारण यशोवर्धन बिड़ला को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला (विलफुल डिफाल्टर) घोषित किया है.
कंपनी को यह कर्ज़ यूको बैंक की ओर से दिया गया है. कर्जदाताओं की समिति में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल हैं.
बैंक की ओर से वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई सूचना के मुताबिक, बैंक ने डिफॉल्टर्स से बकाया वसूलने के लिए मुकदमा दायर किया है.
सार्वजनिक नोटिस के मुताबिक बिड़ला सूर्या लिमिटेड को पूंजी आधारित सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की कर्ज सीमा मंजूर की गई थी, जिसमें से ब्याज सहित 67.55 करोड़ रुपये बकाया है.
यूको बैंक की नरीमन प्वाइंट स्थित कॉर्पोरेट शाखा ने कंपनी को मल्टी-क्रिस्टलाइन सौर फोटोवोल्टिक सेल के विनिर्माण के लिए यह सुविधा दी थी.
नोटिस में कहा गया है, ‘बकाया का भुगतान नहीं होने पर 3 जून, 2013 को खाते को गैर- निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया था. कई नोटिस देने के बावजूद लेनदार ने बैंक को बकाये का भुगतान नहीं किया है. लेनदार कंपनी और उसके निदेशकों, प्रवर्तकों, गारंटरों को बैंक का कर्ज़ जानबूझकर नहीं चुकाने वाला घोषित किया गया है.’
दैनिक भास्कर के मुताबिक बैंक ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है, जिसमें डिफॉल्टर यानी बिड़ला का फोटो भी है. बिड़ला परिवार देश का प्रमुख औद्योगिक परिवार है. बिड़ला के परदादा यानी घनश्याम दास बिड़ला की महात्मा गांधी से काफी घनिष्ठता थी. बिड़ला ने ही कोलकाता में यूको बैंक की स्थापना की थी.
यशोवर्धन बिड़ला, बिड़ला सूर्या कंपनी के निदेशक हैं और यश बिड़ला समूह के अध्यक्ष हैं. यश बिड़ला समूह मशीन टूल्स, इंजन पाइप्स, इंफोटक, ट्रेवल, स्टील समेत कई क्षेत्रों में कारोबार करता है.
यश बिड़ला मुंबई में गोपी बिड़ला स्कूल और अशोक बिड़ला अस्पताल भी चलाते हैं. साथ ही सुजाता बिड़ला चैरिटी ट्रस्ट भी चलाते हैं.
यश बिड़ला के समूह में लगभग तीन हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक एक बार जानबूझकर कर्ज़ नहीं चुकाने वाला घोषित होने पर लेनदार को बैंकों या वित्तीय संस्थाओं की ओर से कोई कर्ज़ सुविधा नहीं दी जाती है. कंपनी पर पांच साल के लिए नया उद्यम लगाने से रोक लग जाती है. इसके अलावा कर्ज़दाता कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू कर सकता है.
कोलकाता के यूको बैंक ने 665 डिफॉल्टर्सओं की सूची जारी की है. जानबूझकर कर्ज़ नहीं चुकाने वाले अन्य प्रमुखों में जूम डेवलपर्स (309.50 करोड़ रुपये), फर्स्ट लिजिंग कंपनी ऑफ इंडिया (142.94 करोड़ रुपये), मोजर बेयर इंडिया (122.15 करोड़ रुपये) और सूर्या विनायक इंडस्ट्रीज (107.81 करोड़ रुपये) हैं.