बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में बीते रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी मौजूद थे. इसी दिन भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट वर्ल्ड कप का मैच था.
नई दिल्लीः बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से लगातार हो रही बच्चों की मौत के मामले में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के एक सवाल पर विवाद खड़ा हो गया है.
इस मामले पर रविवार को मंत्रियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे क्रिकेट मैच को लेकर उत्सुकता से पूछ बैठे कि कितने विकेट गिरे?
एएनआई के एक वीडियो रिकॉर्डिंग में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने किसी से पूछा कि कितने विकेट गिरे? वहीं, किसी ने इसका जवाब देते हुए कहा, चार विकेट गिर गए हैं.
#WATCH Bihar Health Minister Mangal Pandey asks for latest cricket score during State Health Department meeting over Muzaffarpur Acute Encephalitis Syndrome (AES) deaths. (16.6.19) pic.twitter.com/EVenx5CB6G
— ANI (@ANI) June 17, 2019
इस दौरान पांडेय के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और परिवार एवं कल्याण विभाग के केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी मौजूद थे.
इसी संवाददाता सम्मेलन में चौबे के कथित तौर पर सो जाने को लेकर भी विवाद हुआ था, जिस पर बाद में चौबे ने कहा था कि वह सो नहीं रहे थे बल्कि सोच रहे थे.
उन्होंने कहा था, ‘मैं गहन विचार करता हूं. मैं गहराई से सोच रहा था, सो नहीं रहा था.
पांडेय के क्रिकेट को लेकर पूछे गए सवाल और चौबे की नींद को लेकर विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है. इन आरोपों को खारिज करते हुए जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि हर गर्मियों में इस तरह बच्चों की मौत होती है और ये बारिश का मौसम आने पर ही थमेंगी.
उन्होंने यह भी कहा कि पांडेय की टिप्पणी का यह मतलब नहीं है कि सरकार गंभीर नहीं है. भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान लोगों के दिलों में राष्ट्रवाद की भावना रहती है और वे चाहते हैं कि भारत जीते.
बच्चों की मौत को लेकर सरकार के ढुलमुल रवैये से लोगों में गुस्सा है. कई मरीजों के परिवार वालों का आरोप है कि अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए ढंग के उपकरण भी नहीं हैं. जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) पहुंचे, लोगों ने उनका विरोध भी किया.
शुरुआत में तो राज्य सरकार ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया कि बच्चे एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से जूझ रहे हैं. इसके बजाय सरकार ने कहा कि बच्चों की मौतें हाइपोग्लाइकैमिया (रक्चताप कम होने) से हुई है.