योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत के ख़िलाफ़ पोस्ट लिखने पर रैपर हार्ड कौर पर राजद्रोह का केस दर्ज

हार्ड कौर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और आरएसएस प्रमुख की आलोचना करते हुए पोस्ट लिखा था, जिस पर वाराणसी में शशांक शेखर नाम के एक वकील ने मामला दर्ज कराया है. शेखर आरएसएस के सदस्य भी हैं.

हार्ड कौर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और आरएसएस प्रमुख की आलोचना करते हुए पोस्ट लिखा था, जिस पर वाराणसी में शशांक शेखर नाम के एक वकील ने मामला दर्ज कराया है. शेखर आरएसएस के सदस्य भी हैं.

Hard-Kaur Facebook
हार्ड कौर. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: ब्रिटेन स्थित चर्चित रैपर हार्ड कौर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के लिए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. हार्ड कौर का असली नाम तरन कौर ढिल्लन है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में वकील शशांक शेखर द्वारा आईपीसी सेक्शन 124ए (देशद्रोह), 153 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 500 (मानहानि) और 505 (भड़काने की कोशिश) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत मामला दर्ज कराया गया है.

नवभारत टाइम्स ने लिखा है कि कि शेखर आरएसएस के सदस्य हैं. कौर के फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर आदित्यनाथ को ‘रेपमैन’ और हेमंत करकरे की मौत के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए पोस्ट लिखा गया है. करकरे 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे.

शेखर ने अपनी शिकायत में कहा कि वो कौर की टिप्पणियों की वजह से काफी ज्यादा आहत हुए हैं. अमर उजाला ने एक पुलिस निरीक्षक के हवाले से लिखा, इस मामले की जांच अपराध शाखा के निगरानी सेल को सौंपी जा रही है.

मालूम हो कि हार्ड कौर बॉलीवुड के विभिन्न गानों में अपने पंजाबी रैप गायकी के लिए जानी जाती हैं. यह पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ राजद्रोह कानून लगाया जा रहा है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा बार-बार कहा गया है कि ऐसा करना इस कानून का दुरुपयोग है.

हाल ही में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जोर देकर कहा कि उन लोगों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप को रद्द किया जाना चाहिए जिन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की थी.