चार सदस्यों का समर्थन मिलने से उच्च सदन में बहुमत के संकट से जूझ रही भाजपा को राहत मिलेगी. उच्च सदन में 71 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है.
नई दिल्ली: राज्यसभा में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) को जोरदार झटका लगा है. पार्टी के चार राज्यसभा सदस्य गुरुवार दोपहर न सिर्फ भाजपा में शामिल हो गए बल्कि अपनी पार्टी का भाजपा में विलय का प्रस्ताव भी सभापति एम. वेंकैया नायडू को सौंप दिया.
राज्यसभा में छह सदस्यों वाली तेदेपा के चार सदस्यों- वीईएस चौधरी, सीएम रमेश, जी. मोहन राव, और टीजी वेंकटेश ने पार्टी का भाजपा में विलय करने के अनुरोध का प्रस्ताव गुरुवार दिन में तकरीबन दो बजे सभापति वेंकैया नायडू को सौंप दिया.
आंध्र प्रदेश के कुरनूल के रहने वाले राज्यसभा सांसद वेंकटेश ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ‘रायलसीमा क्षेत्र के विकास के लिए मैं भाजपा में शामिल होना चाहता हूं. भाजपा भी राज्यसभा में अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाना चाहती हैं, इसलिए मैंने सहमति दे दी. स्पष्ट है कि मैं तेदेपा छोड़ दूंगा.’
मालूम हो की तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू इस वक्त परिवार के साथ यूरोप में छुट्टियां मना रहे हैं.
उपसभापति वेंकैया नायडू को भेजे गए पत्र में इन सदस्यों ने कहा है कि तेदेपा के राज्यसभा में नेता वीईएस चौधरी की अध्यक्षता में पार्टी की विधायी दल की बैठक में यह फैसला किया गया. उच्च सदन में पार्टी के उप नेता रमेश भी इस बैठक में उपस्थित थे.
TDP MPs of Rajya Sabha- YS Chowdary, CM Ramesh, TG Venkatesh, join BJP in presence of BJP Working President JP Nadda. TDP Rajya Sabha MP GM Rao to formally join later as he is unwell. pic.twitter.com/IU6ximVYtd
— ANI (@ANI) June 20, 2019
चारों सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आस्था प्रकट करते हुए अपने गुट का विलय भाजपा में करने का फैसला किया है.
चारों सदस्यों ने सभापति से संविधान की 10वीं अनुसूची के पैरा चार के तहत भाजपा में अपने गुट का तत्काल प्रभाव से विलय करने का अनुरोध किया है.
राज्यसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि तेदेपा के चारों सदस्यों ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्यसभा में नेता सदन थावर चंद गहलोत की मौजूदगी में नायडू से मुलाकात कर उन्हें इस आशय के प्रस्ताव का अनुरोध पत्र सौंपा. इसमें उन्होंने नायडू से विलय के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया है.
सूत्रों के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी नायडू को पत्र लिखकर विलय को मंजूरी देने का अनुरोध किया है.
उल्लेखनीय है कि चार सदस्यों का समर्थन मिलने से उच्च सदन में बहुमत के संकट से जूझ रही भाजपा को राहत मिलेगी. भाजपा की अगुवाई वाले राजग के पास राज्यसभा में फिलहाल बहुमत नहीं है.
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली तेदेपा के राज्यसभा में छह सदस्य हैं. दलबदल विरोधी कानून के मुतबिक किसी दल से अलग हुए नए गुट को तभी मान्यता मिलेगी जबकि उसके दो तिहाई सदस्य इस गुट में शामिल हों. पार्टी के शेष दो सदस्य के रवींद्र कुमार और थोटा सीताराम लक्ष्मी हैं.
राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है. उच्च सदन में सर्वाधिक 71 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है.
हाल ही में संपन्न हुए आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में तेदेपा को मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. 151 विधानसभा सीटों में से तेदेपा को सिर्फ 23 सीटें मिल सकीं. वही लोकसभा की 25 सीटों में से पार्टी को सिर्फ तीन सीटों पर जीत मिल सकी है.
TDP President N Chandrababu Naidu: We fought with BJP only for Special Category Status & state's interests. We sacrificed Central Ministers for Special Status, condemn attempts of BJP to weaken TDP. Crisis is not new to the party. Leaders & cadre have nothing to be nervous about https://t.co/ekpeusRBHu
— ANI (@ANI) June 20, 2019
समाचार एजेंसी एएनआई के से बातचीत में तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘राज्य को विशेष दर्जा दिलाने और राज्य के हितों के लिए हम भाजपा से लड़े. हमने विशेष दर्जे की मांग के लिए अपने केंद्रीय मंत्री गंवाए. हम तेदेपा को कमजोर करने के भाजपा के प्रयास की निंदा करते हैं. संकट हमारी पार्टी के लिए नया नहीं है. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता को घबराने की जरूरत नहीं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)