उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष दरवेश यादव की उनके सहयोगी वकील मनीष शर्मा ने 12 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. दरवेश को गोली मारने के बाद मनीष ने खुद को भी गोली मार ली थी. गुरुग्राम में इलाज के 10वें दिन शनिवार को मनीष की मौत हो गई.
आगरा: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी एवं वकील मनीष शर्मा की गुरुग्राम में उपचार के 10वें दिन शनिवार को मौत हो गई. मनीष के परिजन और आगरा पुलिस ने उसकी मौत होने की पुष्टि की है.
मनीष के पिता रमेश बाबू शर्मा ने बताया कि शनिवार को इलाज के दौरान लगभग ढाई बजे उनके पुत्र को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. अंत्येष्टि आगरा में होगी.
मनीष का इलाज गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा था. उसने दरवेश को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली थी. इसके बाद से ही उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी. वह होश में नहीं आया था.
ज्ञातव्य है कि 12 जून को उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष दरवेश यादव के स्वागत समारोह के दौरान दीवानी परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. उन्हें हत्या से दो दिन पहले ही इस पद के लिए चुना गया था.
दरवेश की हत्या के साथ वर्षों काम कर रहे उसके साथी अधिवक्ता मनीष ने ही की. मनीष ने दरवेश सिंह यादव पर तीन राउंड फायरिंग की, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी.
यूपी बार काउंसिल का चुनाव प्रयागराज में हुआ था. दरवेश सिंह यादव और हरिशंकर सिंह को बराबर 12-12 वोट मिले. दरवेश सिंह के नाम एक रिकॉर्ड यह भी है कि बार काउंसिल के 24 सदस्यों में वे अकेली महिला हैं. चुनाव मैदान में कुल 298 प्रत्याशी थे.
दरवेश यादव मूल रूप से एटा की रहने वाली थीं. 2016 में वे बार काउंसिल की उपाध्यक्ष और 2017 में कार्यकारी अध्यक्ष रह चुकी हैं. वे पहली बार 2012 में सदस्य पद पर विजयी हुई थीं. तभी से बार काउंसिल में सक्रिय रहीं.
उन्होंने आगरा कॉलेज से विधि स्नातक की डिग्री हासिल की. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) से एलएलएम किया. उन्होंने 2004 में वकालत शुरू की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)