बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सोमवार को कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन एक बड़ी भूल थी. सपा की कमजोरी की वजह से नतीजे सोच के अनुसार नहीं आए. यहां तक कि चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने मुझे फोन तक नहीं किया.
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने सोमवार को ऐलान किया है कि उनकी पार्टी भविष्य में सभी चुनाव अकेले लड़ेंगी.
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन एक बड़ी भूल थी, जो नतीजे सोचे गए थे, वे सपा की कमजोरी की वजह से नहीं आए. यहां तक कि चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने मुझे फोन तक नहीं किया.
Bahujan Samaj Party Chief, Mayawati announces that her party will contest all elections alone in the future. pic.twitter.com/76A9WZD2hZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 24, 2019
बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘बसपा की ऑल इंडिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घंटे तक चली. इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा, जिसमें भी मीडिया नहीं था. फिर भी बसपा प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था.’
मायावती ने एक और ट्वीट में कहा, ‘वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ सन 2012-17 में सपा सरकार के बसपा व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरुद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया.’
उन्होंने कहा, ‘परन्तु लोकसभा आम चुनाव के बाद सपा का व्यवहार बसपा को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके भाजपा को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है. अतः पार्टी व मूवमेंट के हित में अब बसपा आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी.’
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने रविवार को पार्टी की बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि मैंने लोकसभा चुनाव की मतगणना के दिन (23 मई) को अखिलेश को फोन किया था लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया. इसके बाद जब पार्टी ने विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया तो अखिलेश यादव ने बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र को बुलाया लेकिन मुझसे बात नहीं की.
मायावती ने अखिलेश को मुस्लिम विरोधी भी करार दिया. मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव ने उन्हें मुसलमानों को टिकट नहीं देने के लिए कहा था क्योंकि इससे धार्मिक ध्रुवीकरण होगा लेकिन मैंने उनकी बात नहीं सुनी.
मायावती ने इसी बैठक में कई घोषणाएं भी की. उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया जबकि भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया. इसके अलावा दानिश अली को लोकसभा में बहुजन समाजवादी पार्टी का नेता बनाया गया.