अरविंद कुमार और सामंत गोयल दोनों 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के नियुक्ति की है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार को खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक के रूप में नियुक्त किया और सामंत कुमार गोयल को भारत की विदेशी जासूस एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का अगला सचिव नियुक्त किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के नियुक्ति की है.
The Appointments Committee of the Cabinet (ACC) appoints IPS officer Samantha Kumar Goel as Secretary, Research & Analysis Wing (R&AW).
ACC has also approved appointment of IPS officer Arvind Kumar as Director, Intelligence Bureau (IB). pic.twitter.com/WFnlXU4tQX
— The Leaflet (@TheLeaflet_in) June 26, 2019
असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार, राजीव जैन की जगह लेंगे. जैन का कार्यकाल 29 जून को समाप्त हो रहा है. अरविंद कुमार अभी तक खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे.
वहीं, 1984 बैच के सामंत गोयल रॉ के लिए काम कर रहे थे और उन्होंने फरवरी 2019 को किए गए बालाकोट एयरस्ट्राइक की योजना बनाने में कथित रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
गोयल पंजाब कैडर के अधिकारी हैं. सामंत गोयल अनिल धस्माना की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 29 जून को समाप्त हो रहा है. एनडीटीवी के मुताबिक गोयल ने 1990 के दशक में अपने चरम पर रहे पंजाब उग्रवाद को संभालने में मदद की थी और इन्हें दुबई व लंदन में तैनात किया जा चुका है.
बता दें कि सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच उठे विवाद के दौरान सामंत गोयल का भी नाम सामने आया था. उस समय गोयल पर आरोप लगा था कि उन्होंने बिचौलिए के जरिए मोईन कुरैशी मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले को कमजोर करने की कोशिश की है.
द प्रिंट के मुताबिक, आईबी का निदेशक नियुक्त किए जाने से पहले अरविंद कुमार आईबी की कश्मीर विंग को संभाल रहे थे. कुमार को वामपंथी उग्रवाद के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है.
यूपीए-2 में माओवाद विरोधी अभियानों के दौरान, कुमार बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों के प्रभारी थे. जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों को देखने की मुख्य जिम्मेदारी अरविंद कुमार की ही थी. इस दौरान पिछले तीन सालों में 700 से अधिक आतंकवादी मारे गए.