मोदी ने राज्यसभा में एक घंटे से अधिक समय तक दिए अपने भाषण में बिहार में इंसेफेलाइटिस से 150 से अधिक बच्चों की मौत को ‘दुख और शर्म’ का विषय बताया.
नई दिल्ली: बीते बुधवार को राज्यसभा में दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड लिंचिंग की घटना का जिक्र किया, जिसमें 24 वर्षीय तबरेज अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. अंसारी को चोरी के आरोप में भीड़ ने कथित तौर पर घंटो पीटा और उनसे ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे लगवाए गए.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि झारखंड में लिंचिंग ने मुझे दुखी किया है. झारखंड में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर एक युवक की जान लेने की घटना दुखद है, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इसके लिए पूरे प्रदेश पर आरोप लगाना सही नहीं है, इसने दूसरों को भी दुखी किया है.
साथ ही मोदी ने झारखंड को भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग और मॉब वायलेंस) का अड्डा बताने और एक घटना की वजह से पूरे राज्य के नागरिकों को कटघरे में खड़ा करने को अनुचित बताया.
मोदी ने अपने एक घंटे से अधिक समय तक दिए गए भाषण में बिहार में इंसेफेलाइटिस से इस माह 150 से अधिक बच्चों की मौत को ‘दुख और शर्म’ का विषय बताया.
The lynching in Jharkhand has pained me. It has saddened others too.
But, some people in the Rajya Sabha are calling Jharkhand a hub of lynching. Is this fair? Why are they insulting a state.
None of us have the right to insult the state of Jharkhand: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 26, 2019
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने के विपक्ष के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, ‘झारखंड में एक युवक की हत्या के बाद झारखंड को मॉब लिंचिंग और मॉब वायलेंस का अड्डा बताया गया. युवक की हत्या का दुख यहां हम सभी को है. मुझे भी है. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा भी मिलनी चाहिए. लेकिन क्या पूरे झारखंड राज्य को दोषी बता देना शोभा देता है?’
उन्होंने कहा कि जो लोग बुरा करते हैं उन्हें अलग थगल किया जाए और न्यायिक प्रक्रिया के तहत इंसाफ होने देना चाहिए.
मोदी ने कहा, ‘सभी को कटघरे में खड़ा कर राजनीति तो कर लेंगे लेकिन स्थितियां नहीं सुधार पाएंगे. इसलिए पूरे झारखंड को बदनाम करने का हममें से किसी को हक नहीं है. वे भी हमारे देश के नागरिक हैं.’
उन्होंने इस समस्या के समाधान का जिक्र करते हुए कहा कि अपराध होने पर उचित रास्ता कानून है. कानून और व्यवस्थाएं पूरी तरह से सक्षम हैं और इसके उपाय के लिए भी कानूनी व्यवस्था है.
इसके लिए न्यायिक व्यवस्था है और इसके लिए हमें जितना कुछ करना जरूरी हो वह सब कुछ करना चाहिए.
मोदी ने आतंकवाद को भी अच्छी और बुरी श्रेणी में बांटने से दुनिया का बहुत नुकसान होने का हवाला देते हुए कहा कि उसी तरह मॉब लिंचिंग जैसी हिंसा की घटनाओं को भी अपने और पराए में बांटना देश के लिए नुकसानदायक है.
उन्होंने कहा, ‘ऐसी घटनायें चाहे झारखंड में हो, पश्चिम बंगाल में हो या केरल में हो, हमारा एक ही मानदंड होना चाहिए तब ही हम इन्हें रोक पाएंगे. तभी हिंसा करने वालों को सबक मिलेगा कि हिंसा के मामले पर पूरा देश एक है, सभी राजनीतिक दलों की सोच एक है.’
उन्होंने सभी दलों से इस तरह की घटनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल करने से बाज आने की अपील करते हुए कहा राजनीति करने के लिए और भी क्षेत्र हैं.
मोदी ने कहा कि देश के हर नागरिक की सुरक्षा की गारंटी हमारा संवैधानिक दायित्व है. साथ साथ मानवता के प्रति हमारी संवेदनशील जिम्मेदारी भी है. उसको हम कभी नकार नहीं सकते हैं.
इसी बीच मोदी ने बिहार में बच्चों की इंसेफलाइटिस के कारण मौत की घटनाओं का भी जिक्र करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए ‘दुख और शर्म’ की बात है.
उन्होंने कहा कि आज भी बच्चों का बुखार से मरना देश की 70 साल की विफलताओं में से एक है और हम सभी को मिलकर इन विफलताओं से निपटने के समाधान खोजने होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में वह राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)