मुख्यमंत्री बनर्जी ने विपक्षी दलों को आश्वासन दिया कि पंचायत चुनाव में गड़बड़ी और पार्टी कार्यालयों पर कब्जे के बारे में उनकी शिकायतों को सुना जाएगा.
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को वामपंथी दलों और कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि पंचायत चुनाव में गड़बड़ी और पार्टी कार्यालयों पर कब्जे के बारे में उनकी शिकायतों को सुना जाएगा.
द हिंदू के मुताबिक पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमारे लिए साथ मिलकर काम करना जरूरी है. यह बड़े उद्देश्य के लिए है.’ उन्होंने कहा कि उनकी तृणमूल कांग्रेस भाजपा का मुकाबला करने में वामपंथी दल और कांग्रेस दोनों की मदद करेगी.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अक्सर केंद्र में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की वकालत की है, लेकिन यह पहली बार है जब उन्होंने विधानसभा में खुले तौर पर वामपंथी पार्टी, कांग्रेस और तृणमूल को एकजुट होने का आह्वान किया.
उनके आह्वान ने राजनीतिक गलियारों में बहुत जिज्ञासा पैदा की है क्योंकि उन्होंने कभी भी औपचारिक रूप से विरोधियों के साथ जाने की वकालत नहीं की थी.
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में, भाजपा के वोट शेयर में 23 फीसदी की वृद्धि हुई. भाजपा ने इस बार पश्चिम बंगाल की 42 में से 18 सीटें जीतीं, जबकि तृणमूल की लोकसभा सीट का हिस्सा 34 से घटकर 22 हो गया.
हालांकि कांग्रेस नेताओं ने ममता बनर्जी के आह्वान पर खास रुचि नहीं दिखाई. पार्टी नेता और विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने सदन में ही कहा कि उनकी पार्टी के कई कार्यालयों पर टीएमसी कार्यकर्ताओं कब्जा कर लिया है. इस पर ममता ने कहा कि वे ऐसे कार्यालयों की सूची दिखाएं.
कांग्रेस और वाम दलों दोनों के नेतृत्व ने राज्य में भाजपा के उदय के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया. विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, वाम विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री को पहले स्वीकार करना चाहिए कि वे राज्य में भाजपा के उदय के लिए जिम्मेदार हैं.
खास बात यह है कि ममता बनर्जी के आह्वान को पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग से कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली. राज्य कांग्रेस के महासचिव ओमप्रकाश मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा, ‘ममता बनर्जी द्वारा वामपंथी दलों और कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर भाजपा का मुकाबला करने के आग्रह का स्वागत है.’
ममता बनर्जी ने झारखंड में लिंचिंग की निंदा करते हुए सदन में अपने संबोधन की शुरुआत की और कहा कि मुस्लिम देश में डर से जी रहे हैं. मुख्यमंत्री ने उन तीन लोगों के लिए मुआवजे की घोषणा की, जिन्हें कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ बोलने से इनकार करने पर ट्रेन से धक्का दे दिया गया था.