ये मामला त्रिपुरा के धलाई जिले का है. पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई थी और वहां से पीड़ित को निकाल लिया गया था, लेकिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
अगरतला: त्रिपुरा के धलाई जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक दूरदराज के आदिवासी गांव में मवेशी चोर होने के शक में लोगों ने एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
पुलिस उप महानिरीक्षक अरिंदम नाथ ने कहा कि गांव के लोगों के एक समूह ने एक व्यक्ति को मवेशी चोर होने के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला. यह क्षेत्र रायसियाबारी पुलिस थाने के तहत आता है और यह घटना मंगलवार रात की है.
रायसियाबारी पुलिस थाने के प्रभारी सुलेमान रियांग ने कहा, ‘गांव के लोगों ने एक व्यक्ति को एक घर से मवेशी चुराने की कोशिश करते हुए देखा. उन्होंने संदिग्ध मवेशी चोर को पकड़ा और उसे बुरी तरह मारा. हम घटनास्थल पर पहुंचे और व्यक्ति को वहां से निकाला लेकिन अस्पताल में उसकी मौत हो गई.’
मृतक की पहचान 36 वर्षीय बुधी कुमार त्रिपुरा के रूप में की गई है. वह मान्यकुमारपारा गांव के रहने वाले हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस ने और जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम के परिणाम आने के बाद ही अधिक जानकारी की पुष्टि की जा सकती है.
त्रिपुरा गोरक्षा वाहिनी के अध्यक्ष मुर्तजा उद्दीन चौधरी ने कहा कि मवेशी चोरों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा कि लोगों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए और पुलिस को ऐसे मामलों में उचित कार्रवाई करनी चाहिए.
साल 2018 में, त्रिपुरा की सत्तारूढ़ भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने पीड़ितों की सहायता के लिए ‘त्रिपुरा लिंचिंग/हिंसा/भीड़ हिंसा मुआवजा योजना, 2018’लागू करने की शुरुआत की थी. राज्य कैबिनेट ने 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये कानून बनाया था, जिसमें शीर्ष अदालत ने सभी राज्य सरकारों को एक महीने के भीतर इस योजना को लागू करने के लिए एक नियम बनाने का निर्देश दिया था.
भीड़ हिंसा मुआवजा नियमों के अनुसार, राज्य सरकार भीड़ हिंसा में मरने वाले लोगों के परिवारों को चार लाख और ऐसी घटनाओं में घायल हुए लोगों को दो लाख से लेकर 50 हजार रुपये तक देगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)