गुजरात कांग्रेस का कहना है कि विधायक आगामी बजट सत्र की रणनीति बनाने के लिए माउंट आबू गए हैं, उनके जाने का उपचुनाव से कोई संबंध नहीं है. पार्टी से बागी हुए अल्पेश ठाकोर ने कहा, कांग्रेस को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं.
गांधीनगर: गुजरात की दो सीटों पर पांच जुलाई को प्रस्तावित राज्यसभा उपचुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान के माउंट आबू भेज दिया है. कहा जा रहा है कि उपचुनाव में क्रॉस वोटिंग और विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका के चलते पार्टी ने यह कदम उठाया है.
कांग्रेस ने कहा कि उसके विधायक विधानसभा के आगामी बजट सत्र के लिए रणनीति बनाने के लिए माउंट आबू में मंथन सत्र में भाग लेंगे. पार्टी ने इस कदम का उपचुनावों से कोई संबंध होने की बात से इनकार किया.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस विधायक बुधवार शाम को माउंट आबू के लिए रवाना हुए थे और अब पांच जुलाई की सुबह तक वहीं रहेंगे. उपचुनाव के मतदान के लिए वे यहीं से विधानसभा पहुंचेंगे. बता दें कि मतदान शुक्रवार सुबह 9 बजे शुरू होगा.
वहीं विधानसभा में कांग्रेस मुख्य सचेतक अश्विन कोटवाल ने दावा किया कि विधायकों को माउंट आबू जाने के फैसले का उपुचनाव से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि यह कदम मतदान से पहले सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त के प्रयासों के डर से उठाया गया है.
Mehsana: Congress MLAs stop at a restaurant for tea ; 69 Gujarat Congress MLAs are enroute Mount Abu to attend a one-day 'shivir' there. #Gujarat pic.twitter.com/87pgClRRM9
— ANI (@ANI) July 3, 2019
दैनिक जागरण की खबर के अनुसार नेता विपक्ष परेश धनाणी बुधवार शाम विधायकों को बस से पालनपुर के लिए निकले थे. बताया जा रहा है कि पार्टी के कुछ विधायक उनके साथ नहीं गए हैं.
इन विधायकों में धवल सिंह जाला, ललित वसोया, ललित कगथरा, चंदन ठाकोर, अनिल जोशीयारा, हर्षद रिबडिया, गयासुद्दीन शेख शामिल हैं. जाला बागी कांग्रेसी विधायक अल्पेश ठाकोर के समर्थक हैं. उनके पार्टी से नाराज़ होने की खबर है.
वहीं गयासुद्दीन शेख ने बताया है कि अहमदाबाद में गुरुवार को जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा है और वे हर साल इसमें सेवा कार्य करते आए हैं, इसलिए वे बाकी विधायकों के साथ नहीं गए.
दूसरी ओर अश्विन कोटवाल ने बताया, ‘कांग्रेस के करीब 50 विधायक पालनपुर के लिए रवाना हुए हैं. यहां राज्यसभा का मॉक चुनाव कराकर विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि कोई गलती नहीं हो. जहां तक विधायक धवल सिंह जाला की बात हैं तो वे पार्टी के साथ हैं. उनसे फोन पर बात हुई है.’
अल्पेश ठाकोर ने की आलोचना
हालांकि, कांग्रेस विधायक धवल सिंह जाला ने दावा किया कि वे माउंट आबू नहीं जा रहे हैं और उन्हें इसके लिए कोई आमंत्रण नहीं मिला है. उन्होंने दावा किया कि पार्टी को उसके कुछ विधायकों के दूसरे पाले में जाकर ‘क्रॉस वोटिंग’ करने की आशंका है.
बागी विधायक अल्पेश ठाकोर और जाला दोनों ने विधायकों को गुजरात से बाहर ले जाने के पार्टी के कदम की खुलकर आलोचना की और कहा कि वे अन्य साथियों के साथ हिल स्टेशन नहीं जाएंगे.
अल्पेश ठाकोर का कहना है कि कांग्रेस को विधायकों पर भरोसा नहीं है इसलिए बाहर ले जा रही है. उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं बुलाया गया और वे भी आबू नहीं जा रहे हैं.
अल्पेश ठाकोर ने कहा कि उन्हें पार्टी की ओर से कोई व्हिप नहीं मिली है. वे इस बात की गारंटी नहीं दे सकते कि वे कांग्रेस को वोट करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मैं 5 जुलाई को वोट करुंगा. वक्त बताएगा कि मैंने किसे वोट किया.’
उन्होंने यह भी कहा कि कई कांग्रेस विधायक पार्टी से खुश नहीं हैं और पार्टी छोड़ने के लिए सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि विधायकों को गुजरात से बाहर ले जाने की क्या जरूरत थी, प्रशिक्षण राज्य में भी हो सकता था.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने 2017 राज्यसभा चुनावों से पहले भाजपा के संभावित खरीद-फरोख्त प्रयासों को टालने के लिए बेंगलूरू के एक रिजॉर्ट में अपने 44 विधायकों को भेज दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)