नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश करेंगी. इस बार बजट दस्तावेज को ब्रीफकेस में नहीं रखकर लाल रंग की फाइल में रखा गया है.
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी.
देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार सुबह 11 बजे लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-2020 का बजट पेश करेंगी. बतौर वित्त मंत्री यह उनका पहला बजट होगा.
उन्होंने संसद में बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की.
यह बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है, जब देश में बेरोजगारी दर 45 साल के उच्च स्तर पर है और भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के रूप में चीन से पिछड़ गया है.
Finance Minister Nirmala Sitharaman, MoS Finance Anurag Thakur, Finance Secretary S C Garg, Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian and other officials outside Finance Ministry. #Budget2019 to be presented at 11 am in Lok Sabha today pic.twitter.com/oCyrMSNg7N
— ANI (@ANI) July 5, 2019
लोकसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद से नागरिकों को उम्मीद है कि अंतरिम बजट में घोषित की गई कल्याणकारी योजनाओं को इस पूर्णकालिक बजट में विस्तार मिलेगा.
इस बार परंपरा से अलग हटकर बजट दस्तावेज को ब्रीफकेस के बजाए एक लाल रंग की फाइल में रखा गया है.
Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian on FM Nirmala Sitharaman keeping budget documents in four fold red cloth instead of a briefcase: It is in Indian tradition. It symbolizes our departure from slavery of Western thought. It is not a budget but a 'bahi khata'(ledger) pic.twitter.com/ZhXdmnfbvl
— ANI (@ANI) July 5, 2019
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने फाइल में बजट ले जाने पर कहा कि यह भारतीय परंपरा है. यह पश्चिमी मानसिकता की गुलामी से बाहर आने का प्रतीक है. इसे आप बजट नहीं बल्कि बही खाता कह सकते हैं.
बजट पेश होने से पहले देश के शेयर बाजार में भी तेजी देखने को मिल रही है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने 40,000 के स्तर को पार कर लिया था लेकिन जल्द ही सेंसेक्स इस स्तर से नीचे चला गया.
इससे पहले गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था. सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था का ब्लूप्रिंट पेश किया गया था. इसमें दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते में भारत के समक्ष चुनौतियों को रेखांकित किया गया.
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, इस साल (2019-20) जीडीपी की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत पर थी. वहीं, आर्थिक समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. इसका संशोधित बजट अनुमान 3.4 प्रतिशत का था.
वित्त वर्ष 2018 में राजकोषीय घाटा 6.4 फीसदी था.
इसमें 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुने से अधिक कर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सुधारों की विस्तृत रूपरेखा पेश की गई है.