राज्य के जल संरक्षण मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि मुझे लगता है कि आप अपनी क़िस्मत नहीं बदल सकते, जो भी होना है, वह होगा. विपक्षी दलों ने इस बात की आलोचना की है. राकांपा ने कहा कि मंत्री ‘एक भ्रष्ट मछली’ को बचाने के लिए केकड़ों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं.
मुंबईः महाराष्ट्र के जल संरक्षण मंत्री तानाजी सावंत ने रत्नागिरी जिले में तिवारे बांध में दरार पड़ने की घटना को प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि केकड़ों ने बांध की दीवारों को कमजोर कर दिया था, जिस वजह से यह हादसा हुआ.
उन्होंने कहा कि बांध के आसपास काफी मात्रा में केकड़े आ गए थे, जिसके कारण लीकेज होने लगी थी.
मालूम हो कि महाराष्ट्र के तटीय कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरि जिले के चिपलुन तालुका स्थित तिवारे बांध में बीते दो जुलाई को लगातार बारिश के बाद दरार आने से 19 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के तीसरे दिन भी राहत और बचाव कार्य जारी है.
जल संरक्षण मंत्री तानाजी सावंत ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि बड़ी संख्या में केकड़ों ने बांध की दीवार को कमजोर कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘बड़ी संख्या में केकड़ों ने दीवार को कमजोर कर दिया है. इसकी सूचना सरकार को मिलते ही कई एहतियाती उपाय किए गए. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस द्वारा गठित एसआईटी जल्द इस पर रिपोर्ट पेश करेगी और हमें जल्द पता चल पाएगा कि क्या दिक्कत आई है.’
Maharashtra: Search operation in Ratnagiri, where #TiwareDam was breached, enters third day. NDRF Inspector Mahesh Kumar says, "One more body was recovered this morning, total 19 bodies have been recovered so far. We are doing continuous search operation." pic.twitter.com/psEyzGD1J6
— ANI (@ANI) July 5, 2019
मंत्री ने कहा, ‘मात्र आठ घंटे के भीतर 192 मिमी बारिश हुई जो बांध जलग्रहण क्षेत्र में रिकॉर्ड है. मुझे मिली जानकारी के अनुसार बांध का पानी पिछले आठ घंटे में आठ मीटर बढ़ा है. ग्रामीणों को इसके बादल फटने के कारण होने की आशंका भी है.’
जल संरक्षण मंत्री ने यह भी कहा कि किस्मत में जो लिखा है वही होगा. उन्होंने कहा, ‘यह एक दुर्घटना थी, लेकिन मुझे लगता है कि आप अपनी किस्मत नहीं बदल सकते, जो भी होना है, वह होगा. यह एक प्राकृतिक आपदा की तरह है.
बांध की मरम्मत का काम खराब तरीके से होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमें इसका एहसास तब हुआ जब बांध में पानी जमा होने लगा.’
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने इस घटना में जान गंवा चुके लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए जांच के आदेश दिए थे. सचिव स्तर के अधिकारी के तहत विशेष जांच टीम इस मामले की जांच करेगी.
मालूम हो कि हादसे के बाद मृतकों के परिजनों ने बताया था पिछले साल बांध में दरार देखने के बाद उन्होंने जिला प्रशासन से इसकी मरम्मत का अनुरोध किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बांध की दीवार में दरार की शिकायतें मिलने के बाद हाल ही में बांध का दौरा किया था.
बीते दो जुलाई को ही महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने स्वीकार किया था कि तिवारे बांध के पास रहने वाले ग्रामीणों ने बांध में दरार होने की शिकायत की थी. उन्होंने कहा था, ‘बांध करीब 14 साल पहले बना था. राज्य सरकार यह पता लगाएगी कि लापरवाही किस स्तर पर हुई है और इसके मुताबिक जरूरी कार्रवाई की जाएगी.’
मंत्री ‘एक भ्रष्ट मछली’ को बचाने के लिए केकड़ों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं: राकांपा
महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने तिवारे बांध के टूटने और 19 लोगों की जान चले जाने के लिए केकड़ों को जिम्मेदार ठहराने पर मंत्री तानाजी सावंत की शुक्रवार को आलोचना की और राकांपा ने आरोप लगाया कि वह ‘एक बड़ी मछली’ को बचाने के लिए केकड़ों पर दोषारोपण कर रहे हैं.
राकांपा के मुख्य प्रवक्त नवाब मलिक ने कहा कि बांध के टूट जाने के लिए शिवसेना नेता सावंत द्वारा केकड़ों को जिम्मेदार ठहराया जाना ‘बेशर्मी की इंतेहा’ है.
मलिक ने सावंत पर स्थानीय शिवसेना विधायक सदानंद चव्हाण को बचाने का आरोप लगाया जो मीडिया के अनुसार कथित तौर पर इस बांध के ठेकेदार थे.
मलिक ने कहा, ‘केकड़े को जिम्मेदार मत ठहराइए क्योंकि आप ‘एक बड़ी भ्रष्ट मछली’ को बचा रहे हैं. पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करायी जाए और दोषी विधायक को दंडित किया जाए.’
राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि यदि शिवसेना नेता को इस त्रासदी के लिए जीव-जंतु को ही जिम्मेदार ठहराना था तो उन्होंने मंत्री का कार्यभार क्यों संभाला. उन्होंने कहा, ‘भाजपा-शिवसेना के मंत्री कब अपनी विफलताएं स्वीकार करेंगे.’
कांग्रेस नेता सचिव सावंत ने कहा कि शिवसेना मंत्री को अपने पर शर्म आनी चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)