सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता घटाने के लिए बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों को कई तरह के प्रोत्साहन दिया है. इलेक्ट्रानिक वाहनों की खरीद को लेकर लिए गए कर्ज पर 1.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर आयकर छूट दिया जाएगा.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मार्च, 2020 तक के लिए आवास ऋण पर दिए जाने वाले ब्याज छूट में अतिरिक्त डेढ़ लाख रुपये की और छूट दी जाएगी.
इससे पहले दो लाख रुपये तक की ब्याज छूट दी जाती थी. इस तरह अब कुल 3.5 लाख तक की ब्याज छूट मिलेगी.
इसके अलावा भारत की आयातित पेट्रोलियम पदार्थों पर बढ़ती निर्भरता को घटाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने आम बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों को विभिन्न तरह से प्रोत्साहन देने की घोषणा की है.
इनमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लिए गए कर्ज पर डेढ़ लाख रुपये तक के ब्याज पर अतिरिक्त आयकर कटौती का प्रस्ताव शामिल है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लोकसभा में पेश आम बजट में इन उपायों की घोषणा की. उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे भारत की परिकल्पना करते हैं कि जो इलेक्ट्रिक वाहन में वैश्विक निर्माण केंद्र बने.’
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक वाहनों की खरीद को लेकर लिए गए कर्ज पर 1.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर आयकर छूट दिया जाएगा. इसके अलावा इलेक्ट्रानिक वाहनों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है.
वहीं, देश में पेट्रोल एवं डीजल पर लागने वाले उपकर में एक-एक रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है. पेट्रोलियम उत्पादों के बढ़ते आयात को हतोत्साहित करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं.
सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत में अप्रैल मार्च 2018-19 के दौरान तेल आयात 140.47 अरब अमेरिकी डॉलर (9,83,147.76 करोड़ रुपये) था, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 108.66 अरब अमेरिकी डॉलर (7,00320.81 करोड़ रुपये) था. डॉलर के लिहाज से तेल आयात में 29.27 प्रतिशत वृद्धि हुई थी.
वित्त मंत्री ने लिथियम बैट्रियों एवं सोलर चार्जर जैसे उत्पादों के विनिर्माण को लेकर किए जाने वाले निवेश पर कर छूट देने का प्रस्ताव दिया है.
सीतारमण ने कहा कि देश में 400 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों को अब 25 प्रतिशत की दर से कारपोरेट कर देना होगा. कंपनियों की कारोबार सीमा बढ़ने से अब 99.3 प्रतिशत कंपनियां घटे हुए दर के दायरे में आ गई हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य कर प्रशासन को सरल बनाना और पारदर्शिता लाना है.
स्टार्टअप को लेकर उन्होंने कहा कि रिटर्न में शेयर प्रीमियम के मूल्यांकन को लेकर दी गई जानकारी की जांच नहीं की जाएगी. सीतारमण ने कहा कि स्टार्टअप कंपनियों ने अपनी बुनियाद मजबूत की है और उनकी वृद्धि को प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप द्वारा जुटाये गए धन की कर विभाग द्वारा जांच नहीं की जाएगी तथा स्टार्टअप की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर में छूट की अवधि का विस्तार किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)