पहले 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर 25 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट कर लगता था. इसके अलावा दो से पांच करोड़ और पांच करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वालों पर सरचार्ज बढ़ाया गया है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 400 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर 25 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट कर लगाने का प्रस्ताव किया.
अभी तक 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर 25 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट कर लगता था.
वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि कंपनियों की कारोबार सीमा बढ़ने से अब 99.3 प्रतिशत कंपनियां घटे हुए दर (25 प्रतिशत) के दायरे में आ जाएंगी.
उन्होंने कहा कि नई दर लागू होने के बाद केवल 0.7 प्रतिशत कंपनियां ही 25 प्रतिशत से ऊपर के कॉरपोरेट कर के दायरे में रह जाएंगी. सालाना 400 करोड़ रुपये से ऊपर का कारोबार करने वाली कंपनियों को 30 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट कर लगेगा.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी उपलब्धता बढ़ाने के वास्ते चालू वित्त वर्ष के दौरान उनमें 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जायेगी. इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों का निजीकरण कर संसाधन जुटाने का भी प्रस्ताव किया गया है.
आम वेतनभोगी तबके को आयकर के मामले में कोई नई राहत नहीं दी गई है. हालांकि, अंतरिम बजट में की गई घोषणा को दोहराते हुये सीतारमण ने पांच लाख रुपये सालाना की करयोग्य आय वालों को कर छूट जारी रखी है. कर स्लैब में उन्होंने कोई छेड़छाड़ नहीं की और उस संबंध में अपने भाषण में कुछ नहीं कहा.
वित्त मंत्री ने दो करोड़ रुपये और उससे अधिक कमाई करने वालों पर सरचार्ज (अधिभार) बढ़ाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि दो करोड़ से लेकर पांच करोड़ रुपये तक और पांच करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्य आय पर क्रमश: तीन प्रतिशत और सात प्रतिशत तक सरचार्ज बढ़ जाएगा.
अब तक 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक की सालाना कमाई करने वालों पर 10 प्रतिशत की दर से और एक करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत की दर से सरचार्ज लागू है.
नई घोषणा में दो से पांच करोड़ और पांच करोड़ रुपये से अधिक पर सरचार्ज बढ़ाया गया है. बढ़े सरचार्ज से इस आय वर्ग के करदाताओं की प्रभावी कर दर तीन से सात प्रतिशत तक बढ़ जाएगी.
इसके अलावा, पैन नहीं होने पर आधार के जरिये आयकर रिटर्न भरने की छूट दी गई है. वहीं, आयातित किताबों पर पांच प्रतिशत बेसिक सीमा शुल्क लगाया गया है.
सालाना 1.5 करोड़ रुपये से कम का कारोबार करने वाले करीब 3 करोड़ खुदरा व्यापारियों, छोटे दुकानदारों को पेंशन लाभ दिया जाएगा. रूपे कार्ड पर आधारित परिवहन कार्ड के जरिए कार्डधारकों को बस यात्रा, टोल टैक्स, पार्किंग शुल्क, खुदरा खरीदारी के भुगतान की अनुमति होगी.
बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, औद्योगिक गलियारा, माल गाड़ियों के अलग गलियारा, भारतमाला और सागरमाला परियोजनाओं, जल मार्ग विकास और उड़ान योजनाओं के जरिये ढांचागत सुविधाओं को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे में 2030 के दौरान बुनियादी ढांचा में सुधार के लिये 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है. रेलवे ट्रैक, डिब्बों और इंजन के विनिर्माण और यात्री माल ढुलाई सेवाओं की डिलिवरी के लिए सार्वजनिक-निजी-भागीदारी का प्रस्ताव रखा गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)