साल 2009 में वाइको ने अपनी एक किताब के विमोचन के दौरान प्रतिबंधित संगठन लिट्टे के समर्थन में भाषण दिया था. राजद्रोह का मामला तत्कालीन डीएमके सरकार ने दर्ज कराया था.
नई दिल्ली: एमडीएमके के महासचिव वाइको को चेन्नई की अदालत ने 2009 के राजद्रोह के एक मामले में दोषी ठहराया है. इस मामले में उन्हें दोषी मानते हुए एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई और साथ ही उनके ऊपर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
हालांकि, जज ने इस सजा को तुरंत निलंबित कर दिया ताकि वाइको मद्रास हाईकोर्ट में अपील कर सकें. यह मामला चुने गए प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष अदालत में चल रहा था. विशेष जज जे. शांति ने वाइको को राजद्रोह का दोषी पाया और सजा सुनाई.
पुलिस ने वाइको के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए (राजद्रोह) में मामला तत्कालीन डीएमके सरकार द्वारा दर्ज कराया गया था. वर्ष 2009 में वाइको की किताब ‘नान कुटरम सत्तुगिरेन’(मैं आरोप लगा रहा हूं) के विमोचन के दौरान दिए गए उनके भाषण के कारण यह मामला दर्ज किया गया था. 2010 में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी.
‘आज का दिन मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन’
वाइको की किताब ‘नान कुटरम सत्तुगिरेन’(मैं आरोप लगा रहा हूं) के लॉन्च के दौरान 2009 में एलटीटीई के समर्थन में उनके भाषण को राजद्रोह माना गया था और उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था.
फैसला सुनाए जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वाइको ने कहा कि उन्होंने आरोपों से इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा, ‘आज का दिन मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन है.’
MDMK General Secretary Vaiko has been sentenced to a one year jail term and fined Rs 10,000 by a Chennai Court in a 2009 seditious speech case. (file pic) pic.twitter.com/O22qXdiDX7
— ANI (@ANI) July 5, 2019
वाइको ने कहा कि वह लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (एलटीटीई) को समर्थन देना जारी रखेंगे. वाइको ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने सजा में नरमी बरते जाने की मांग की थी.
वाइको ने कहा, ‘मैंने न्यायाधीश से कहा कि मैंने सजा में नरमी बरते जाने को नहीं कहा है. मैं एलटीटीई को समर्थन जारी रखूंगा. यहां तक कि अगर मुझे आजीवन कैद की सजा मिलती है तो मुझे खुशी होगी.’
हालांकि वाइको की अपील पर अदालत ने तुरंत सजा पर रोक लगा दी. सजा पर रोक के बाद अब वाइको राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे.
वाइको 18 जुलाई को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए शनिवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.
तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे वाइको एक समय डीएमके के साथ थे. वाइको दो बार शिवाकासी से चुने गए. उनका आखिरी कार्यकाल 1999 से 2005 के बीच रहा.
साल 2002 में जे. जयललिता की तत्कालीन एआईएडीएमके सरकार ने प्रतिबंधित संगठन लिट्टे के समर्थन में भाषण देने के लिए वाइको को पोटा के तहत गिरफ्तार किया था. उन्होंने वेल्लोर जेल में तकरीबन एक साल गुजारे थे. हालांकि साल 2014 में उनके खिलाफ यह मामला रद्द कर दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)