बजट में शुल्क बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल 2.45 रुपये और डीजल 2.36 रुपये महंगा

पेट्रोल और डीजल के संशोधित मूल्य शनिवार को प्रभावी हो गए. दिल्ली में पेट्रोल का दाम 2.45 रुपये लीटर बढ़कर 72.96 रुपये लीटर हो गया, जबकि मुंबई में यह वृद्धि 2.42 रुपये लीटर बढ़कर 78.57 रुपये प्रति लीटर रही.

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(फोटो: रॉयटर्स)

पेट्रोल और डीजल के संशोधित मूल्य शनिवार को प्रभावी हो गए. दिल्ली में पेट्रोल का दाम 2.45 रुपये लीटर बढ़कर 72.96 रुपये लीटर हो गया, जबकि मुंबई में यह वृद्धि 2.42 रुपये लीटर बढ़कर 78.57 रुपये प्रति लीटर रही.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: बजट में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क और उपकर बढ़ाए जाने के बाद शनिवार को पेट्रोल का दाम 2.40 रुपये और डीजल का दाम 2.36 रुपये प्रति लीटर बढ़ गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट के रुख को देखते हुए घरेलू स्तर पर दोनों ईंधनों पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और सड़क एवं अवसंरचना उपकर में एक-एक रुपये की वृद्धि कर दी.

इस वजह से इन दोनों ईंधनों के दाम प्रति लीटर दो-दो रुपये बढ़ गए. इसके ऊपर राज्यों में वैट भी लगता है.

दोनों कर शनिवार से प्रभाव में आ गए. इसके बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 2.45 रुपये लीटर बढ़कर 72.96 रुपये लीटर हो गया, जबकि मुंबई में यह वृद्धि 2.42 रुपये लीटर बढ़कर 78.57 रुपये प्रति लीटर रही.

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने इस संबंध में मूल्य अधिसूचना जारी की है.

कोलकाता में पेट्रोल का दाम 2.40 रुपये लीटर बढ़कर 75.15 रुपये लीटर और चेन्नई में 2.57 रुपये लीटर बढ़कर 75.76 रुपये लीटर हो गया.

शुल्क वृद्धि के बाद दिल्ली में डीजल का दाम 2.36 रुपये बढ़कर 66.69 रुपये लीटर और मुंबई में 2.50 रुपये लीटर बढ़कर 69.60 रुपये लीटर हो गया.

राज्यों में स्थानीय कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) अलग-अलग होने की वजह से पेट्रोल, डीजल के दाम में अंतर रहता है. इसके अलावा भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंपों पर कुछ पैसे का अंतर भी रखा जाता है.

बजट में शुल्क बढ़ाने से पहले पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क 17.98 रुपये प्रति लीटर था. इसमें 2.98 रुपये मूल उत्पाद शुल्क, 7 रुपये विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और आठ रुपये सड़क एवं अवसंरचना उपकर लगा था.

बजट के बाद विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक रुपये बढ़कर आठ रुपये और सड़क एवं अवसंरचना उपकर आठ से बढ़कर नौ रुपये प्रति लीटर हो गया. इससे कुल उत्पाद शुल्क दो रुपये बढ़कर 19.98 रुपये लीटर हो गया.

इसी प्रकार बजट से पहले डीजल पर कुल उत्पाद शुल्क 13.83 रुपये लीटर था. इसमें मूल उत्पाद शुल्क 4.83 रुपये, विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक रुपये और सड़क उपकर आठ रुपये प्रति लीटर था.

उत्पाद शुल्क और सड़क उपकर एक-एक रुपये बढ़ने के बाद कुल शुल्क 15.83 रुपये लीटर हो गया. इन शुल्कों के ऊपर राज्यों में वैट लगाया जाता है. दिल्ली में पेट्रोल पर 27 प्रतिशत और डीजल पर 16.75 प्रतिशत की दर से वैट वसूला जाता है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में दो बार कटौती की थी, जबकि कुल नौ बार इसमें बढ़ोतरी की गई. पिछली बार उत्पाद शुल्क में संशोधन अक्टूबर 2018 में हुआ था, जब एक लीटर पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 1.5 रुपये की कटौती की गई थी. इससे पहले अक्टूबर 2017 में दो रुपये की कटौती उत्पाद शुल्क में की गई थी.

रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र की भाजपा सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कुल नौ बार बढ़ोतरी की थी. इस तरह कुल मिलाकर पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल के उत्पाद शुल्क में 13.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)