पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर अपनी जीवंत संस्कृति, इतिहास और वास्तुकला की आश्चर्यजनक विरासतों की वजह से अंतराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है.
नई दिल्ली: वास्तुकला की शानदार विरासत और जीवंत संस्कृति के लिए मशहूर राजस्थान की राजधानी और प्राचीन शहर जयपुर ने शनिवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में जगह बना ली.
यूनेस्को ने शनिवार दोपहर ट्वीट किया, ‘भारत के राजस्थान में जयपुर शहर को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के तौर पर चिह्नित किया गया.’
अज़रबैजान की राजधानी बाकू में 30 जून से 10 जुलाई तक यूनेस्को की विश्व धरोहर कमेटी (डब्ल्यूएचसी) के 43वें सत्र की बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई. इस बैठक में विश्व विरासत सूची में जयपुर शहर का नाम शामिल करने पर विमर्श हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के तौर पर चिह्नित किए जाने पर खुशी जताई.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘जयपुर संस्कृति और शौर्य के साथ जुड़ा शहर है. मनोहर और ऊर्जावान, जयपुर का आतिथ्य दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है. खुशी है कि यूनेस्को ने इस शहर को विश्व धरोहर स्थल के तौर पर चिह्नित किया है.’
Jaipur is a city associated with culture and valour. Elegant and energetic, Jaipur’s hospitality draws people from all over.
Glad that this city has been inscribed as a World Heritage Site by @UNESCO. https://t.co/1PIX4YjAC4
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2019
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईसीओएमओएस (स्मारक और स्थल पर अंतरराष्ट्रीय परिषद) ने 2018 में शहर का निरीक्षण किया था. नामांकन के बाद बाकू में डब्ल्यूएचसी ने इस पर गौर किया और इसे यूनेस्को विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल किया.
राजस्थान में ऐतिहासिक शहर जयपुर की स्थापना 1727 ईसवी में सवाई जय सिंह द्वितीय के संरक्षण में हुई थी. सांस्कृतिक रूप से संपन्न राज्य राजस्थान की राजधानी है.
17वीं शताब्दी में जब मुगल अपनी ताकत खोने लगे तब राजपूताना की आमेर रियासत एक बड़ी ताकत के रूप में उभरी. उस दौर में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय को अपनी रियासत संभालने और राजकाज संचालन के लिए आमेर छोटा लगने लगा और इस तरह से नई राजधानी के रूप में जयपुर की कल्पना की गई.
पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर अपनी जीवंत संस्कृति, इतिहास और वास्तुकला की आश्चर्यजनक विरासतों की वजह से अंतराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. जयपुर में आमेर का किला, जंतर मंतर, सिटी पैलेस, जयगढ़ फोर्ट, हवा महल, नाहरगढ़ किला, जल महल और अल्बर्ट हॉल म्यूजियम पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं.
यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है. जयपुर शहर की पहचान यहां के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहां के स्थापत्य की खूबी है.
वर्ष 1876 में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह द्वितीय ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था. तभी से शहर का नाम पिंक सिटी या गुलाबी नगरी पड़ गया.
जयपुर के अलावा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में बहरीन स्थित डिलमून बरियल मॉन्ड्स, ऑस्ट्रेलिया स्थित बड्ज बिम कल्चरल लैंडस्केप, चीन के लिआंगझू शहर स्थित पुरातात्विक खंडहर, इंडोनेशिया के सवाहलुंटो स्थित ऑम्बिलिन कोल माइन, प्राचीन जापान के माउंडेड टॉम्ब को भी शामिल किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)